महेशपुर (पाकुड़)। बरसात के मौसम में सांप दिखना आम बात है। सांप दिखते ही लोगों की हालत ख़राब हो जाती है। वही अगर बात हो ऐसे खरतनाक सांप की हो जिसे उसके रफ़्तार और जहर के लिए जाना जाता हो, जिसके काटने से मानव का शरीर सड़ने और गलने लगे तो डर जायज है।
महेशपुर के चांदपुर गाँव में मोजबुर सेख के घर पर मादा रसल वाईपर ने 46 बच्चों को जन्म दिया। आपकों बता दे की आम तौर पर सांप अंड्डे देते है, लेकिन रसल वाईपर बच्चे देते है। सांप के बच्चों को देख मोजबुर सेख के घर में अफरा-तरफी मच गयी। बच्चे भी एक दो नहीं पुरे 46, इतनी मात्रा में सांप के बच्चे को देख सभी घबरा गए। गाँव के लोग भी जमा होने लगे, लोगों ने इसकी सूचना वन विभाग को दिया।
वन विभाग से स्नेक रेसक्युवर असराफूल हक देर रात्रि में उक्त घर पंहुचकर कुल – 46 रसल वाईपर सांप के बच्चे का रेसक्यु किया। देर रात्रि होने के कारण मादा रसल वाईपर सांप कही छिप गयी थी। पुनः आज उक्त घर से 46 बच्चों की मां बड़े रसल वाईपर का रेसक्यू किया गया। तब जाकर उक्त घरवालों ने चैन की सांस ली।

इसी दौरान घर के एक बच्चे को रसल वाईपर के एक बच्चे ने पैर में काट लिया था, उक्त बच्चे का ईलाज भी वनकर्मी असराफूल हक के चतुराई और सुझबूझ से रामपुरहाट अस्पताल में भर्ती के साथ साथ उक्त सर्प का एंटी भेनम तुरंत लगवाया गया और अब बच्चा खतरे से बाहर है।
स्नेक रेसक्युवर असराफूल हक ने बताया की अगर रसल वाईपर सांप बहुत की खतरनाक सांप है इसके काटने के तुरंत वाद मानव शरीर सड़ने गलने लगता है, यह बालुई जगह में ज्यादातर पाये जाते हैं, लेकिन आजकल महेशपुर, पाकुड़िया, पाकुड़ में ये मिलने लगे है।