Saturday, May 10, 2025
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Sawan Adhik Maas Shivratri 2023: कब है सावन ​अधिक मास की शिवरात्रि? सर्वार्थ सिद्धि समेत बनेंगे 2 शुभ योग, जान लें शिव पूजा मुहूर्त

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सावन के महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को ही शिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है।
इस खास मौके पर सर्वार्थ सिद्धि योग बनने वाला है। इसके अलावा और भी योग है जो इस दिन को बेहद खास बनाएंगे। शिवरात्रि के मौके पर पुष्य नक्षत्र भी होने वाला है।

इस वर्ष सावन का महीना अधिक मास होने के कारण कुल 59 दिनों का पड़ा है। ऐसे में सावन के महीने में शिवरात्रि भी दो आएगी। जुलाई में आई पहली शिवरात्रि 15 जुलाई को पड़ी थी, जिसके बाद सावन की दूसरी शिवरात्रि भी आने वाली है, जो कि अधिक मास की शिवरात्रि मानी जाएगी।

सावन के महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को ही शिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है।

इस खास मौके पर सर्वार्थ सिद्धि योग बनने वाला है। इसके अलावा और भी योग है जो इस दिन को बेहद खास बनाएंगे। शिवरात्रि के मौके पर पुष्य नक्षत्र भी होने वाला है। इस तिथि का शिवभक्तों के लिए सावन के महीने में विशेष महत्व होता है। इस वर्ष अधिक मास होने के कारण ही सावन के महीने में दो शिवरात्रि आई है। 

पंचांग में मुताबिक सावन अधिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि मनाई जाएगी। ये तिथि 14 अगस्त यानी सोमवार को है। चतुर्दशी की शुरुआत सुबह 10 बजकर 25 मिनट से शुरू होगी और यह तिथि 15 अगस्त मंगलवार को दोपहर 12 बजकर 42 मिनट रहेगी। इस बार शिवरात्रि 14 अगस्त को मनाई जाएगी। सावन का सोमवार होने से ये तिथि अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।

सावन अधिक मास का शिवरात्रि पूजन

सावन अधिक मास का शिवरात्रि पूजन के लिए शुभ मुहूर्त रात 12 बजकर 02 मिनट से देर रात 12 बजकर 48 मिनट तक रहने वाला है। शिवरात्रि के लिए ये निशिता मुहूर्त है। इस बार शिवरात्रि पर दो शुभ योग भी बनने वाले है। इस दौरान सर्वार्थ सिद्धि योग और सिद्धि योग बनेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग की शुरुआत सुबह 11 बजकर 07 मिनट से होकर अगले दिन 15 अगस्त को सुबह 05 बजकर 50 मिनट तक रहने वाली है। माना जाता है कि इस योग में जो भी कार्य किए जाते हैं उनमें पूरी सफलता मिलती है।

वहीं सिद्धि योग की शुरुआत प्रात:काल से होगी जो शाम 04 बजकर 40 मिनट तक रहने वाली है। सावन ​अधिक मास की शिवरात्रि के दिन सुबह से लेकर 11 बजकर 07 मिनट तक पुनर्वसु नक्षत्र है, उसके बाद से पुष्य नक्षत्र पूरी रात है। जानकारी के मुताबिक सावन की अधिक मास शिवरात्रि के दिन भद्रा भी है जो सुबह 10 बजकर 25 मिनट से लग रही है और यह रात 11 बजकर 32 मिनट तक रहने वाली है। 

 

बता दें कि सावन के महीने में आने वाली शिवरात्रि बहुत अहम होती है। इसका महत्व काफी अधिक होता है। शिवरात्रि, सावन का महीना और सोमवार सब भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन जो भक्त भगवान भोलेनाथ का व्रत रखते हैं उन्हें भगवान की कृपा मिलती है। उनकी सभी मनोकामनाएं भगवान पूरी करते है।

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