Tuesday, November 26, 2024
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सत्ताधारी लोग बिचोलिया बनकर ठेकेदारी कामों में व्यस्त हैं: रंजीत कुमार सिंह

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पाकुड़। झारखंड में सरकार बने 4 साल बीत चुके हैं। उस समय चुनाव प्रचार में गरीब, दलित, आदिवासी, पिछड़ों, अल्पसंख्यक की समस्या सुनने के लिए प्रचार नहीं की गई थी। उस चुनाव प्रचार में शिक्षित बेरोजगार युवक युवतियों को सभी विभाग से नियुक्ति निकालकर नौकरी करने की बात कही गई थी। लेकिन प्राइवेट कंपनी में नौकरी देने के लिए बात नहीं की गई थी। बेरोजगार युवकों को बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही गई थी। अंतिम व्यक्ति गरीब दलित एवं आदिवासियों को मुख्य धारा से जोड़कर रोजगार उपलब्ध कराने की बात कही गई थी। उक्त बाते राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी जिला अध्यक्ष सह राजमहल लोकसभा चुनाव प्रभारी, पाकुड़ रंजीत कुमार सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही है।

उन्होंने आगे कहा है की चुनाव प्रचार में कहा गया था की गांव कस्बों में विकास कार्य की जाएगी। उसका उत्थान किया जाएगा परंतु यह सब एक राजनीतिक जुमले थे, झूठ बोलकर लोगों को सब्जबाग दिखाकर वोट लेकर सत्ता में काबिज हुए हैं। सत्ताधारी लोग बिचोलिया बनकर ठेकेदारी कामों में व्यस्त हैं। गांव कस्बों में ठंड का प्रकोप कनकनी बहुत ज्यादा बढ़ गई है। दलित आदिवासी आदिम जनजाति किसी तरह जान बचाने के लिए रात में सोते समय पुआल का बिछौना तथा चटाई ओढ़ के सोते हैं। किसी तरह ठंड से अपने आप को बचाते हैं। इन विषयों पर मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक किसी का ध्यान नहीं होती है और ना इनके कार्यकर्ता भी देखते हैं। नजरअंदाज कर देते हैं।

रंजीत कुमार सिंह में आगे कहते है सरकार आपके द्वार कार्यक्रम करके यह लोग वोट का राजनीति करते हैं। गरीबों को जीवन और मृत्यु से इन लोगों को कोई मतलब नहीं है। यह तीसरा कार्यक्रम की जा रही है। अगले दो कार्यक्रमों में लोगों का कितना समस्या का समाधान की गई यह तो लोग जानते ही हैं। झारखंड सरकार की यह तीसरा कार्यक्रम है। लोगों को बताना चाहिए 4 साल में कितना गरीब दलित, आदिवासी, पिछड़ों तथा सुदूर देहाती इलाकों में विकास की कार्य की गई और अंतिम व्यक्ति को मुख्य धारा से जोड़ा गया। इसका हिसाब देना चाहिए सिर्फ वंशवाद की राजनीति करते हैं। यहां मुख्यमंत्री का बेटा मुख्यमंत्री ही बनेगा अन्य कोई कार्यकर्ता नहीं, सिर्फ अपना ही खानदान का विकास करते हैं। दलित आदिवासी आदिम जनजाति जिनके तन पर अच्छा से तन ढकने का वस्त्र नहीं है। सिर्फ यह लोग वोट का राजनीति करते हैं। इनको सब्जबाग दिखाकर वोट लेते हैं और बड़े-बड़े बांग्ला में ठाट से रहते हैं। सभी सुविधाएं को प्राप्त है जिनके वोट से बड़े-बड़े लग्जरी गाड़ी में घूमते हैं। परंतु इन गरीबों, यतीम दलित मजदूर को देखने वाला सिर्फ ऊपर वाले हैं क्योंकि संविधान सभी के लिए बराबर है सभी लोग स्वतंत्र हैं। सबों को सम्मान अधिकार है। आने वाले चुनाव में जनता इन लोगों को सबक सिखाएगी।

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