पाकुड़। झलसा रांची के निर्देशानुसार ज़िला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ के तत्वाधान में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ बाल कृष्ण तिवारी की अध्यक्षता में एमएसीटी से संबंधित कार्यशाला आयोजित पाकुड़ न्यायालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में की गई।
उक्त कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ बाल कृष्ण तिवारी, अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम राकेश कुमार, एसडीपीओ प्रदीप उरांव, ज़िला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ के सचिव अजय कुमार गुड़िया ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर की।
उक्त कार्यक्रम में संबोधित करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ बाल कृष्ण तिवारी ने कहा कि सड़क दुर्घटना में घायलों को चिकित्सीय सुविधा पहुंचाने व मृतकों के परिजनों को मुआवजा राशि भुगतान करने पूरी प्रक्रिया में पुलिस व चिकित्सा पदाधिकारियों की अहम भूमिका है। ऐसे मामलों में पुलिस को अनुसंधान में त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही, चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्धारित समय में डिटेल एक्सीडेंट रिपोर्ट (डीएआर), पोस्टमार्टम रिपोर्ट संबंधित अनुसंधान पदाधिकारी को देना चाहिए। ताकि दुर्घटना में मौत के बाद मृतक के परिजनों को ससमय मुआवजा राशि का भुगतान किया जा सके।
अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम राकेश कुमार ने सड़क दुर्घटना एवं मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल से संबंधित कानूनी के बारे में विस्तार से बताया। सड़क दुर्घटना के बाद पीड़ित को ससमय मुआवजा भुगतान में पुलिस, चिकित्सक, बीमा कंपनियों की भूमिका के बारे विस्तार से जानकारी दी।
मौके पर जिले के सभी प्रशासनिक अधिकारी बीमा कंपनी के अधिवक्तागण मेडियटर, पैनल अधिवक्ता लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के अधिवक्ता, पीएलवी, समेत कोर्ट कर्मी मौजुद रहे।