पाकुड़। श्री गुरुदेव कोचिंग सेंटर सह नवीन युग विद्यालय, पाकुड़ परिसर में उपस्थित श्री सारस्वत स्मृति एवं अंगिका समाज के पदाधिकारी एवं सदस्यों ने डॉ भीमराव अम्बेडकर जयंती के शुभावसर पर उनके तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया।
उक्त अवसर पर विद्यालय के बच्चों ने भाषण, चित्रांकन एवं हिन्दी कविता पाठ प्रतियोगिता किया। सभी प्रथम, द्वितीय व तृतीय को पुरस्कृत कर प्रदेश उपाध्यक्ष ने अपने सम्बोधन में कहा कि 14 अप्रैल यानी डॉ भीमराव अम्बेडकर (बाबा अम्बेडकर) का जन्म दिन, उन्हें भारतीय संविधान के मुख्य आर्किटेक्ट, दलितों का मसीहा, कानून के विशेषज्ञ, देश के पहले विधि और न्याय मंत्री के तौर पर देश याद करता है।
डॉ मनोहर कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि डॉ भीमराव अम्बेडकर कोई साधारण व्यक्ति नहीं थे, उन्होंने कोलंबिया यूनिवर्सिटी और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स दोनों जगहों से डॉक्टरेट की डिग्री ली थी साथ ही वे कानून की भी पढ़ाई की थी, वे उस समय के विद्वानों की पंक्तियों में अग्रगण्य थे।
रामरंजन कुमार सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा अम्बेडकर जी द्वारा संविधान में जो खाका बनाया गया, वह उस समय की सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक परिस्थितियां पर आधारित थी। आज भी भारत की राजनीति दलित समुदाय का जिक्र किये बिना अधूरी है, इस समुदाय में देश में ऐसे नेता हुए जिन्होंने न केवल समाज को दिशा दी, बल्कि देश की दशा बदलने में भी अपना अमूल्य योगदान दिया, देश को अपने इन नेताओं पर गर्व है।
संजय कुमार शुक्ला ने अपने सम्बोधन में कहा कि 1950 में संविधान का मसौदा समिति का नेतृत्व करने वाले डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर ने संविधान सभा में कहा था कि राजनीतिक लोकतंत्र, सामाजिक लोकतंत्र के बिना लंबे समय तक हीं चल सकता है, उन्होंने कहा कि ऐसी राजनीति के मूल में स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा होगा।
उक्त अवसर पर रंजय कुमार राय, कुन्दन प्रसाद, राजीव कुमार झा, संजय कुमार चौबे एवं विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं छात्र छात्राएं उपस्थित थे।