पाकुड़। मंगलवार को पाकुड़ में ब्याहुत कलवार समाज ने गरीब और निर्धन छठव्रतियों के लिए सेवा का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया। पाकुड़ के स्थानीय व्याहुत विवाह भवन में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में समाज के अध्यक्ष अशोक कुमार भगत (भगत पाड़ा) और सचिव अशोक कुमार भगत (फाटक पार) की अध्यक्षता में कुलदेवता भगवान बलभद्र की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर और दीप प्रज्वलित कर पूजा अर्चना की गई। इसके बाद, ब्याहुत कलवार समाज ने 55 गरीब छठव्रती माताओं और बहनों को छठ पूजन सामग्री प्रदान की, जिसमें बांस का डाला, सूप, नारियल, साड़ी, शुद्ध घी, धूप, दीप और अन्य आवश्यक सामग्री शामिल थी।
1977 से जारी है सेवा का कार्य
ब्याहुत कलवार समाज की ओर से यह सेवा 1977 से जारी है। अध्यक्ष अशोक कुमार भगत ने बताया कि समाज की इस पहल का उद्देश्य समाज के गरीब और निर्धन छठव्रतियों को सहारा देना है ताकि वे किसी भी कठिनाई का सामना किए बिना छठ महापर्व की पूजा कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि यह सेवा साल दर साल आगे बढ़ती रहेगी, और आगामी वर्षों में और अधिक संख्या में छठव्रतियों तक यह सामग्री पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। सचिव अशोक कुमार भगत ने बताया कि इस वर्ष समाज की ओर से 55 गरीब छठव्रतियों को निशुल्क पूजन सामग्री प्रदान की गई, जिससे उन्हें छठ पूजा में कोई कठिनाई न हो।
छठव्रतियों को मिली सहायता से भावविभोर समाज
ब्याहुत कलवार समाज द्वारा इस सेवा कार्य से छठव्रतियों में भारी उत्साह देखा गया। समाज ने न केवल पूजन सामग्री का वितरण किया बल्कि अपने सदस्यों द्वारा इसके आयोजन और प्रबंधन में भी पूरी भागीदारी निभाई। महासचिव विश्वनाथ भगत, कोषाध्यक्ष प्रदीप कुमार भगत, और अन्य सदस्यों ने भी इस कार्यक्रम की सफलता के लिए अथक प्रयास किया।
ब्याहुत कलवार समाज की सेवा भावना
ब्याहुत कलवार समाज का समाज सेवा का यह कार्य सराहनीय है। समाज न केवल छठव्रतियों को पूजा सामग्री प्रदान कर रहा है, बल्कि समाज के मूल्यों और संस्कृति को जीवित रखने का भी प्रयास कर रहा है। इस समाज की यह पहल उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है, जो अपनी सामर्थ्य के अनुसार समाज की सेवा करना चाहते हैं।
समाज के प्रमुख पदाधिकारियों की भूमिका
इस सेवा कार्य में समाज के कई प्रमुख पदाधिकारियों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अध्यक्ष अशोक कुमार भगत, सचिव अशोक कुमार भगत, महासचिव विश्वनाथ भगत, कोषाध्यक्ष प्रदीप कुमार भगत, और अन्य सदस्यों जैसे राजेंद्र भगत, मुन्ना भगत, डॉ. श्याम प्रसाद भगत, बद्री प्रसाद भगत, जगदीश प्रसाद भगत, कैलाश प्रसाद भगत, तारकेश्वर भगत, संजय भगत, गौरी शंकर भगत, प्रीतम भगत, विनय भगत, काली शंकर भगत, ललन भगत, उत्तम भगत, गोपाल भगत, रोहित भगत, रमेश भगत, कृष्ण भगत, प्रमिला भगत, रश्मि देवी आदि ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया।
छठ महापर्व में समाज की एकजुटता का परिचय
ब्याहुत कलवार समाज का यह आयोजन समाज की एकजुटता और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है। छठ महापर्व, जो सूर्योपासना का पवित्र पर्व है, इसे मनाने में समाज का पूरा सहयोग मिला। हर व्यक्ति ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
भविष्य में और अधिक सेवा कार्यों की योजना
अध्यक्ष अशोक कुमार भगत ने अपने संबोधन में बताया कि इस तरह के सेवा कार्य आगे भी जारी रहेंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि आने वाले वर्षों में गरीब छठव्रतियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए और अधिक संख्या में पूजन सामग्री वितरित की जाएगी। उनका यह वचन समाज के प्रति उनकी सेवा भावना को और भी मजबूत बनाता है।
समाज के लिए प्रेरणादायक सेवा कार्य
ब्याहुत कलवार समाज का यह सेवा कार्य समाज के अन्य लोगों के लिए प्रेरणादायक है। जिस तरह से उन्होंने समाज की गरीब और निर्धन महिलाओं को पूजन सामग्री देकर उनका सहारा बनने का प्रयास किया, वह सराहनीय है। समाज के लिए यह एक मिसाल है कि कैसे सेवा कार्यों के माध्यम से समाज के प्रत्येक व्यक्ति को त्यौहार की खुशी में शामिल किया जा सकता है।
समाज की सराहनीय भूमिका
ब्याहुत कलवार समाज की यह सेवा भावना समाज के हर वर्ग के लिए प्रेरणादायक है। इस सेवा कार्य ने समाज में आपसी प्रेम, सहयोग और समर्पण की भावना को बढ़ावा दिया है। समाज ने यह साबित कर दिया है कि समाज सेवा में ही सच्ची संतुष्टि है और यह समाज के हर सदस्य के लिए आदर्श का एक प्रेरक स्रोत है।