झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा रांची) के निर्देशानुसार, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए), पाकुड़ के तत्वावधान में उत्क्रमित मध्य विद्यालय, पत्थरघट्टा, पाकुड़ में नब्बे दिवसीय आउटरीच सह विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के तहत बच्चों को उनके कानूनी अधिकारों और सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक किया गया।
बच्चों को कानूनी अधिकारों की दी गई जानकारी
कार्यक्रम का संचालन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पाकुड़, शेष नाथ सिंह के निर्देशानुसार किया गया, जिसमें सचिव अजय कुमार गुड़िया के मार्गदर्शन में पैरा लीगल वॉलंटियर (पीएलवी) अमूल्य रत्न रविदास ने बच्चों को कानूनी अधिकारों, सामाजिक कर्तव्यों और उनके महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किसी भी व्यक्ति के मौलिक अधिकार उसके जीवन की सुरक्षा, स्वतंत्रता और सम्मान से जुड़े होते हैं और हर नागरिक को इन अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए।
बाल श्रम और बाल विवाह के खतरों से अवगत कराया
कार्यक्रम में पीएलवी एजारूल शेख और विजय कुमार राजवंशी ने संयुक्त रूप से बाल श्रम और बाल विवाह जैसे गंभीर मुद्दों पर जागरूकता फैलाई। उन्होंने बताया कि—
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बाल श्रम न केवल बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को प्रभावित करता है, बल्कि उनके भविष्य को भी अंधकारमय बना सकता है।
बाल विवाह एक अपराध है, जो बच्चों के शिक्षा, स्वास्थ्य और मानसिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। उन्होंने बताया कि 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़कों का विवाह अवैध है और इसके खिलाफ कड़ी कानूनी सजा का प्रावधान है।
सड़क सुरक्षा और स्वच्छता पर दिया गया विशेष जोर
कार्यक्रम के दौरान सड़क सुरक्षा और स्वच्छता को लेकर भी बच्चों को जागरूक किया गया। पैरा लीगल वॉलंटियर्स ने समझाया कि—
सड़क पर चलते समय नियमों का पालन करना अनिवार्य है। हेलमेट और सीट बेल्ट का उपयोग, ट्रैफिक सिग्नल का पालन और वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का उपयोग न करना, ये सभी बातें दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करती हैं।
स्वच्छता हमारी दिनचर्या का अहम हिस्सा होनी चाहिए। नियमित हाथ धोना, खुले में कूड़ा नहीं फेंकना और सार्वजनिक स्थलों को साफ रखना हमारे समाज को बेहतर बनाने में मदद करता है।
डिजिटल क्राइम और साइबर सुरक्षा की जानकारी
बदलते दौर में डिजिटल अपराध (साइबर क्राइम) तेजी से बढ़ रहे हैं। इस विषय पर भी बच्चों को विशेष जानकारी दी गई। कार्यक्रम में बताया गया कि—
ऑनलाइन फ्रॉड, फिशिंग, हैकिंग, साइबर बुलिंग और फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट से सावधान रहने की जरूरत है।
बिना प्रमाणित लिंक पर क्लिक करने से बचें और ऑनलाइन व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।
यदि कोई साइबर अपराध होता है, तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन या पुलिस में शिकायत करें।
अन्य प्रखंडों में भी हुआ जागरूकता अभियान
जिले के अन्य प्रखंडों में भी पैरा लीगल वॉलंटियर्स द्वारा आउटरीच कार्यक्रम के तहत जागरूकता अभियान चलाया गया। यह अभियान स्कूलों, सार्वजनिक स्थलों और गांवों में आयोजित किया गया, जहां लोगों को कानूनी सहायता, उनके अधिकारों और सरकारी योजनाओं के बारे में बताया गया।
समाज में विधिक जागरूकता लाने की पहल
इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को उनके कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करना और समाज में कानूनी साक्षरता को बढ़ावा देना है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण इस तरह के अभियानों को निरंतर जारी रखते हुए ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में विधिक जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध है।