पाकुड़: जिले में मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत लाभुकों को दिए गए ऋण की जांच और वसूली की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। जिला प्रशासन के निर्देश पर सभी छह प्रखंडों में अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है, जो लाभुकों के घर-घर जाकर जांच कर रही हैं। साथ ही, ऋण की वसूली की भी कार्रवाई की जा रही है।
बारीकी से हो रही है लाभुकों की जांच
पाकुड़ जिले में मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के अंतर्गत दिए गए ऋणों की स्थिति का आकलन करने के लिए पीएमयू (प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट) टीम बारीकी से जांच कर रही है। यह टीम लाभार्थियों द्वारा ऋण का सही उपयोग करने और व्यवसाय संचालन की स्थिति की समीक्षा कर रही है। अगर कोई लाभार्थी ऋण का दुरुपयोग करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
हर प्रखंड में गठित की गई जांच टीम
जिला प्रशासन द्वारा सभी छह प्रखंडों—पाकुड़, लिट्टीपाड़ा, महेशपुर, हिरणपुर, अमड़ापाड़ा और पाकुड़िया में जांच टीमों का गठन किया गया है। ये टीम स्थानीय स्तर पर जाकर लाभुकों से मुलाकात कर रही हैं और उनकी व्यावसायिक गतिविधियों की जानकारी ले रही हैं। इसके तहत यह देखा जा रहा है कि लाभुकों ने प्राप्त ऋण का सही तरीके से उपयोग किया है या नहीं।
ऋण वसूली की प्रक्रिया में आई तेजी
मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत जिन लाभुकों को ऋण दिया गया था, उनसे ऋण की वसूली भी की जा रही है। जिला प्रशासन ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि सभी बकायेदार लाभुकों से ऋण वसूली की प्रक्रिया को तेज किया जाए। इसके लिए बैंक अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
योजना के तहत लाभुकों को मिलता है आर्थिक सहयोग
मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत राज्य सरकार बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार स्थापित करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करती है। इस योजना के अंतर्गत पात्र लाभुकों को बैंक के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया जाता है, जिससे वे अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सकें। इस योजना का उद्देश्य युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना और जिले में रोजगार के अवसर बढ़ाना है।
कड़ी कार्रवाई के निर्देश
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जिन लाभुकों ने ऋण लिया है लेकिन समय पर उसे नहीं चुका रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यदि किसी लाभार्थी द्वारा ऋण का अनुचित उपयोग पाया जाता है, तो उससे न केवल ऋण की वसूली होगी, बल्कि कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
प्रशासन ने की अपील
जिला प्रशासन ने सभी लाभुकों से अपील की है कि वे अपने ऋण को समय पर चुकता करें ताकि भविष्य में अन्य जरूरतमंदों को भी इस योजना का लाभ मिल सके। साथ ही, अधिकारियों ने जनता से भी अपील की है कि यदि उन्हें किसी भी प्रकार की अनियमितता की जानकारी हो तो वे तुरंत प्रशासन को सूचित करें।
मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के लाभुकों की जांच और ऋण वसूली की प्रक्रिया को लेकर प्रशासन पूरी तरह सक्रिय है। हर प्रखंड में जांच दल तैनात किए गए हैं, जो बकायेदारों से ऋण की वसूली कर रहे हैं। जिला प्रशासन का यह कदम सुनिश्चित करेगा कि सरकारी योजनाओं का सही लाभ केवल वास्तविक जरूरतमंदों को ही मिले और रोजगार सृजन की दिशा में सकारात्मक बदलाव आए।