Saturday, May 10, 2025
Homeसावन की पहली सोमवारी पंचक है, जानें किन श्रद्धालुओं को नहीं रखना...

सावन की पहली सोमवारी पंचक है, जानें किन श्रद्धालुओं को नहीं रखना चाहिए व्रत

देश प्रहरी की खबरें अब Google news पर

क्लिक करें

देवघर. सावन की पहली सोमवारी कल है. धार्मिक शास्त्र के अनुसार सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को अतिप्रिय माना गया है. सोमवार के दिन जो भक्त व्रत रखकर भोले नाथ की पूजा-अर्चना करते हैं, शिवजी उसपर प्रसन्न होते हैं और उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. इस बार कई सालों के बाद पहली सोमवारी को अष्टम तिथि का योग बन रहा है. इस दिन पूजा-अर्चना करने से शिवजी के साथ-साथ माता दुर्गा का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा. लेकिन बैद्यनाथ मंदिर के तीर्थ पुरोहित ने वैसे श्रद्धालुओं को सावधान किया है जो अपने जीवन में पहली बार सोमवारी का व्रत करने की सोच रहे हैं.

देवघर के प्रसिद्ध तीर्थ पुरोहित प्रमोद शृंगारी ने लोकल 18 को बताया कि इस साल सावन की पहली सोमवारी विशेष तिथि में पड़ रही है. महीने की 5 तिथियां विशेष होती हैं. जैसे अष्टमी, पूर्णिमा, अमावस्या, संक्रांति और प्रदोष. इसके साथ ही चन्द्रमा सोम को कहते हैं. सोमवार के दिन अष्टमी का पड़ना शुभ है. जो भी इस दिन व्रत रखकर भगवान भोलेनाथ पर जलाभिषेक करेगा उनके द्वारा मांगी गई मनोकामनाएं जरूर पूरी होंगी.

ये लोग कल न रखें व्रत

सावन की पहली सोमवारी को अष्टमी तिथि के साथ रेवती नक्षत्र भी पड़ रहा है. रेवती नक्षत्र पंचक के पांच नक्षत्रों में से एक माना गया है. सावन के पहले सोमवार के दिन पंचक भी है. इसलिए जो श्रद्धालु कल पहली बार सावन की सोमवारी का व्रत रखना चाहते हैं, वे व्रत न रखें. उन्होंने कहा कि पंचक के दिन से अपने व्रत का आरंभ नहीं करना चाहिए. हालांकि इस दिन पूजा करने में कोई पाबंदी नहीं है. जो इससे पहले सावन की सोमवारी कर चुके हैं. इन्हें व्रत रखने में कोई परेशानी नहीं है.

सोमवारी व्रत का महत्त्व

सावन के सोमवार का व्रत रखने से विवाह के योग बनते हैं. इस व्रत को करने से माता पार्वती को शिवजी पति स्वरूप प्राप्त हुए. इस वजह से मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए सावन सोमवार व्रत रखा जाता है. इसके अलावा भक्तगण शिव कृपा प्राप्ति के लिए सावन सोमवार व्रत रखते हैं.

Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments