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आप की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि हमें जानकारी मिली है कि राहुल गांधी और बीजेपी ने एक समझौता किया है…कांग्रेस को इस असंवैधानिक अध्यादेश के खिलाफ अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए, वे ऐसा करने में इतना समय क्यों ले रहे हैं?
आम आदमी पार्टी ने केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन में देरी को लेकर शुक्रवार को कांग्रेस की आलोचना की और दावा किया कि ”भाजपा और राहुल गांधी के बीच समझौता हो गया है और वह इस अवैध अध्यादेश पर भाजपा के साथ खड़े हैं।” आप और कांग्रेस के बीच यह वार-पलटवार का दौर ऐसे समय में भी जारी है जब दोनों दलों के प्रमुख नेता पटना में विपक्षी दलों की बैठक में शामिल हो रहे हैं। फिलहाल यह बैठक शुरू हो चुकी है। इसकी मेजबानी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर रहे हैं।
अध्यादेश पर तकरार
गुरुवार को AAP ने धमकी दी कि अगर कांग्रेस केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन का वादा नहीं करती है तो वह पटना में विपक्ष की बैठक से बाहर निकल जाएगी। इसका जवाब देते हुए खड़गे ने शुक्रवार को कहा कि “केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी (आप) को समर्थन देने पर फैसला अगले संसद सत्र से पहले लिया जाएगा।” इससे आप और भी नाराज हो गई है और अब वे दावा कर रहे हैं कि वे एक समझौते पर पहुंच गए हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर आप की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि हमें जानकारी मिली है कि राहुल गांधी और बीजेपी ने एक समझौता किया है…कांग्रेस को इस असंवैधानिक अध्यादेश के खिलाफ अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए, वे ऐसा करने में इतना समय क्यों ले रहे हैं?
केंद्र ने 19 मई को दिल्ली में ग्रुप-ए अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग के लिए एक प्राधिकरण बनाने के लिए एक अध्यादेश जारी किया था, आप सरकार ने इस कदम को सेवाओं के नियंत्रण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ एक धोखा बताया था। केजरीवाल अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए गैर-भाजपा दलों के नेताओं से संपर्क कर रहे हैं ताकि इसे संसद में लाए जाने पर विधेयक के माध्यम से बदलने की केंद्र की कोशिश विफल हो जाए। उन्होंने कांग्रेस से भी इसके लिए समर्थन मांगा था। हालांकि, अब तक यह नहीं मिला है।
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