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कुंदन कुमार/गया. मानसून की पहली बारिश के बाद गया के फल्गु नदी में पानी आने से करीब 4 महीने बाद गयाजी डैम की रौनक लौट आई है. गौरतलब हो कि डैम के अधूरे काम को पूरा कराने के लिए डीएम के निर्देश पर मार्च महीने में यहां से पानी निकाल दिया गया था. डैम के निचली सत्तह पर जमी गाद को हटाने के लिए डैम से पानी निकाला गया था. लेकिन पिछले कुछ दिनों से हो रहे लगातार बारिश के कारण फल्गु नदी में पानी आ चुकाहै.अब यहां देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को तर्पण करने में परेशानी नहीं होगी.
नीचली सतह में एक फूट जमा था गाद
बता दें कि 2022 में गया के फल्गु नदी में रबड़ डैम बनकर तैयार हो गया था.इसका उद्घाटन किया गया था, ताकि श्रद्धालुओं को सालों भर पानी मिल सके.अपने पितरों का तर्पण कर सके. पिछले साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचे थे.अपने पूर्वजों का पिंडदान किए थे. पिंडदान के दौरान पिंडदानी नदी में हीं पिंड को डाल देते थे, जिस कारण नदी के निचले सतह में तकरीबन 1 फुट तक गार्ड जम गई थी. जिसके साफ-सफाई तथा नदी के दोनों और कंस्ट्रक्शन का काम कराने को लेकर मार्च महीने में गया जिला प्रशासन के निर्देश पर नदी से पानी निकाल दिया गया था.
तर्पण करने में नहीं होगी परेशानी
चूंकि अब नदी में पानी आ चुका है. ऐसे में अब श्रद्धालुओं को तर्पण करने में परेशानी नहीं होगी. मानसून की पहली बारिश के कारण नदी के पानी को रबर डैम में स्टोर नहीं किया जा रहा है.डैम को खोल दिया गया है, ताकि गंदा पानी निकल जाए. नदी में पानी आने से श्रद्धालुओं के अलावे गया शहर के लोग भी काफी खुश हैं. क्योंकि रबड़ डैम एक पर्यटन स्थल के रूप में बन चुका है.रोजाना यहां सैकड़ों की संख्या में लोग घूमने आते हैं.
हमेशा सुखी रहती है फल्गु नदी
विष्णुपद फल्गु देवघाट के पुजारी रघुनाथ पंडित बताते हैं कि फल्गु नदी अंत: सलिला है और इस नदी को माता सीता ने श्राप दिया था. फल्गु नदी हमेशा सुखी रहती है.यह नदी सत्तह के नीचे बहती है. 2 दिनों पहले इस नदी में पानी आई है जिस कारण पिंडदान करने आए श्रद्धालुओ को तर्पण करने में आसानी हो रही है.
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FIRST PUBLISHED : July 06, 2023, 21:13 IST
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