पाकुड़। झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा), रांची के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डालसा), पाकुड़ के तत्वावधान में 1 दिसंबर 2024 को विश्व एड्स जागरूकता दिवस का आयोजन सदर अस्पताल में किया गया। कार्यक्रम का नेतृत्व प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पाकुड़, शेष नाथ सिंह के निर्देश पर किया गया। इस आयोजन में डालसा के प्रभारी सचिव विशाल मांझी मुख्य भूमिका में रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत और अतिथियों का परिचय
कार्यक्रम की शुरुआत अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सह प्रभारी सचिव, डालसा, विशाल मांझी, प्रभारी सिविल सर्जन सह जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डॉ मनीष कुमार, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल सोनाजोड़ी, डॉ अमित कुमार, और लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के सहायक, गंगाराम टुडू द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर की गई।
विश्व एड्स दिवस 2024 का थीम और उद्देश्य
इस वर्ष विश्व एड्स दिवस का थीम था “सही रास्ते पर चलें: मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार”। इस थीम के अंतर्गत एड्स को समाप्त करने का संकल्प लिया गया। कार्यक्रम में प्रभारी सचिव, विशाल मांझी ने एड्स जागरूकता पर जोर दिया और बताया कि एड्स पीड़ितों के साथ आज भी समाज में भेदभाव होता है। उन्होंने कहा, “अगर कोई पीड़ित के अधिकारों का उल्लंघन करता है, तो उसे दो माह से लेकर दो साल तक की सजा और एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।”
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जागरूकता फैलाने का आह्वान
विशाल मांझी ने डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों से अपील की कि वे एचआईवी/एड्स से जुड़ी गलत धारणाओं और भेदभाव को समाप्त करने के लिए जागरूकता फैलाने का काम करें। उन्होंने कहा कि एचआईवी/एड्स से पीड़ित व्यक्ति को मानसिक और सामाजिक समर्थन मिलना चाहिए, ताकि वे सामान्य जीवन जी सकें।
डॉक्टरों का योगदान और जानकारी
प्रभारी सिविल सर्जन डॉ कौशल कुमार सिंह ने कहा कि इस दिन का मुख्य उद्देश्य एचआईवी/एड्स के प्रति जागरूकता फैलाना और इससे संबंधित मानवाधिकारों के उल्लंघन को समाप्त करने के लिए प्रेरित करना है। डॉ अमित कुमार और डॉ मनीष कुमार ने विस्तृत रूप से बताया कि एचआईवी/एड्स किस प्रकार फैलता है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि समय पर इलाज और सावधानी बरतने से इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है।
जानकारी और मदद के साधन
कार्यक्रम में मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों और विभाग के कर्मचारियों ने जागरूकता पर्चियां वितरित कीं। साथ ही, एड्स से संबंधित सही जानकारी और सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 1097 की पुस्तिका भी दी गई। लोगों को इस हेल्पलाइन के उपयोग और इससे जुड़ी सेवाओं के बारे में जानकारी दी गई।
भागीदारी और उपस्थिति
इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी शिवनारायण प्रसाद, समीर खां, और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैरा लीगल वॉलंटियर्स—कमला राय गांगुली, उत्पल मंडल, और नीरज कुमार राउत उपस्थित रहे। इनके अलावा, कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्वास्थ्य कर्मी और स्थानीय लोग भी शामिल हुए।
जागरूकता के माध्यम से सामाजिक बदलाव का संकल्प
इस आयोजन के माध्यम से एचआईवी/एड्स के प्रति जागरूकता बढ़ाने और भेदभाव के खिलाफ समाज को संवेदनशील बनाने की कोशिश की गई। कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों और विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्यों ने समाज में एड्स पीड़ितों के अधिकारों की रक्षा और उनके साथ समान व्यवहार करने की अपील की।
पाकुड़ में आयोजित विश्व एड्स दिवस ने जागरूकता के महत्व को रेखांकित किया। इस कार्यक्रम ने समाज में एड्स से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने और पीड़ितों के प्रति सहानुभूति और समर्थन का संदेश दिया। यह आयोजन एड्स मुक्त समाज के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।