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शिखा श्रेया/रांची. वैसे तो आपने कई सारे स्कूल देखे होंगे.जहां के तौर तरीके काफी अलग होते हैं.कोई स्कूल अपने काफी आधुनिकता के लिए जाना जाता है. तो कोई अपने कुछ यूनिक पढ़ाने के तरीकों की वजह से. लेकिन आज हम आपको झारखंड की राजधानी रांची के बरियातू रोड में स्थित है हाई क़्यूं इंटरनेशनल स्कूल के बारे में बताने वाले हैं. जहां पर पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को अध्यात्म के प्रति भी काफी संवेदनशील बनाया जाता है.
स्कूल की प्राचार्य मिताली ने लोकल 18 को बताया हमारे स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को अध्यात्म के प्रति भी जागरूक किया जाता है.क्योंकि जब आप आध्यात्मिक व्यक्ति होंगे तभी आप जिंदगी में अपने ज्ञान का सही इस्तेमाल कर पाएंगे.अगर ज्ञान हो और साथ में विवेक ना हो तो वह ज्ञान कई बार खतरनाक साबित हो जाता है. इसलिए हमारे पढ़ाई के तरीके बाकी स्कूलों से काफी अलग है.
पढ़ाई के पहले मेडिटेशन और मंत्र जाप
आचार्य मिताली ने बताया यहां पर पढ़ाई के पहले 1 घंटे बच्चों को मेडिटेशन और मंत्र जाप कराया जाता है. 15 मिनिट मेडिटेशन,15 मिनट मंत्र जाप होता है और बाकी आधे घंटे योग कराया जाता है. इस 1 घंटे का सेशन के बाद ही पढ़ाई शुरू होती है. क्योंकि जब आप मेडिटेशन करते हैं तो आपका दिमाग एकाग्र होता है व मन शांत होता है.वहीं, मंत्र जाप करते हैं तो आपके अंदर एक तरफ तीव्रता आती है. योग से आपके पूरे शरीर में ब्लड सरकुलेशन का सही से संचार होता है और आपके सारे बॉडी पार्ट्स अपने सबसे ऊंचे स्तर पर कार्य कर रहे होते हैं.
उन्होंने आगे बताया, जब यह तीनों चीजें एक साथ मिलती है तब आपका शरीर ज्ञान लेने के लिए पूरी तरह तैयार होता है. क्योंकि हमारा यह स्कूल बुद्धा फाउंडेशन द्वारा स्थापित है, इसलिए हम बुद्ध के मेडिटेशन टेक्निक विपासना के द्वारा बच्चों को मेडिटेशन सिखाते हैं.जहां बच्चों को अपने सांसों पर कंट्रोल करना सिखाया जाता है.
डाइट का रखा जाता है विशेष ख्याल
यहां बच्चों के खानपान पर भी विशेष ख्याल रखा जाता है.इन्हें बिल्कुल बैलेंस डाइट दिया जाता है. ब्रेकफास्ट से लेकर लंच, स्नैक्स व डिनर हर चीज बैलेंस होता है.जो बच्चों की ग्रोथ के लिए जरूरी है.जैसे नट, ड्राई फ्रूट्स, फ्रूट्स, ग्रीन वेजिटेबल्स, दूध, मिलेट, कच्चा अनाज व स्प्राउट्स यह सारी चीज डाइट में शामिल होती है.क्योंकि जब तक सही डाइट नहीं होगा तब तक ध्यान एकाग्र नहीं होगा.
गार्डनिंग से लेकर मिनी ऑस्टरिच के बीच रहते हैं बच्चे
प्राचार्य मिताली ने बताया बच्चों को प्राकृतिक के करीब लाना जरूरी है तभी वह प्रकृति की महत्व को समझेंगे.इसीलिए हम बच्चों को हरे भरे ग्रीनहाउस के बीच समय व्यतीत करवाते हैं.साथ ही उन्हें पौधे लगवाना और पौधे को अपनी देखरेख बड़े करने की जिम्मेदारी उन्हें देते हैं.इसके अलावा यहां एक छोटा एनिमल हाउस भी है.जहां खरगोश ,बत्थक, मोरनी व मिनि ऑस्टरिच जैसे कई जानवर है.ताकि बच्चे इनके साथ खेल कर जानवरों के प्रति भी संवेदनशील हो पाए.
सुबह 5:00 बजे उठ जाते हैं बच्चे
प्राचार्य मिताली बताती है, बच्चे सुबह 5:00 बजे उठ जाते हैं.क्योंकि यह बोर्डिंग स्कूल है और यहां स्कूल के सभी स्टाफ और हम खुद स्कूल के अंदर ही रहते हैं.इसीलिए बच्चों को कभी अकेलापन महसूस नहीं होता.साथ ही हमने बोर्डिंग इसलिए रखा हैं.क्योंकि बच्चों को बाहरी आकर्षण व तामझाम से दूर अपने मन व दिमाग को एकाग्र करने में मदद मिले.
शांत वातावरण कर रखा जाता है विशेष ख्याल
इस स्कूल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस स्कूल में घुसते ही आपको एक चीज अपने तरफ खींचता है तो वह हैं यहां का शांत वातावरण.यहां पर आपको एक परिंदे के पर मारने तक का आवाज नहीं आएगा,बिल्कुल पिन ड्रॉप साइलेंस. प्राचार्य मिताली कहती यहां किसी तरह का कोई डिस्टर्बैंस या आवाज़ ना हो इसका विशेष ख्याल रखा जाता हैं. क्योंकि शांत वातावरण में ही आप अपनी ऊर्जा का सही से इस्तेमाल कर सकते हैं.
जानें लोकेशन
तो अगर आप इस स्कूल को करीब से देखना चाहते हैं या फिर अपने बच्चों का दाखिला दिलवाने चाहते हैं तो इस नंबर 98370011044/9234368167 पर संपर्क कर सकते हैं.बताते चले, यह स्कूल सीबीएसई से एफिलेटेड है व एक बोर्डिंग स्कूल है जहां झारखंड के हर एक जिले व बिहार के पटना, भागलपुर, यूपी के लखनऊ व बरेली से बच्चे पढ़ने आते हैं.
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Tags: Local18, Ranchi news
FIRST PUBLISHED : August 12, 2023, 15:43 IST
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