पाकुड़। भक्ति और आध्यात्मिकता के एक जीवंत उत्सव में, रेलवे कॉलोनी दुर्गा मंदिर में 4 फरवरी की शाम को कीर्तन, आरती और भागवत कथा की एक मनमोहक शाम का आयोजन हुआ। मंदिर परिसर भक्तों के हरे कृष्ण, हरे कृष्ण कृष्ण, कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे… की ध्वनि से गूंज उठा। ये दिव्य वातावरण पुरे माहौल को भक्तिमय संध्या के रूप में परिभाषित कर रही थी।
उत्सव दोपहर 3:00 बजे कीर्तन की मधुर धुनों के साथ शुरू हुआ, जिससे वातावरण “हरे कृष्ण” की गूंज से भर गया। उत्साही आयोजक, नामहट्ट भक्त वृंद के नेतृत्व में, श्रद्धालु अनुयायियों की एक मंडली नगर भ्रमण कर, भगवान कृष्ण के प्रति अपनी प्रेम और श्रद्धा व्यक्त की।
शाम 5:00 बजे जैसे ही सूरज डूबने लगा, मंदिर तुलसी आरती और गौर आरती की मनमोहक ध्वनियों से गूंज उठा। भक्तों ने हाथ जोड़कर भक्ति से भरे दिल से, देवताओं से प्रार्थना की और शांति और समृद्धि के लिए आशीर्वाद मांगा।
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शाम का मुख्य आकर्षण भागवत कथा थी, जो शाम 6:00 बजे शुरू हुई। मायापुर से आए श्रद्धेय महाराज जी भक्तिविलाश, गौर चंद्र महाराज ने भागवत कथा के मनमोहक वर्णन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी मधुर वाणी ने श्रोताओं को भागवतम की गहन शिक्षाओं के बारे में बताते हुए दिव्य परमानंद के दायरे में पहुंचा दिया।
इस मौके पर, संध्या में भगवान की भक्ति में लिप्त हजारों भक्त उपस्थित थे। प्रभु सोहन प्रभु, सुमन प्रभु, सहदेव भास्कर प्रभु, एवं मुरारी मंडल, सुशील साहा, रूपेश राम, सांपा साहा, निवेदिता मंडल, पिंकी मंडल, जीतू सिंह, वर्षा मंडल, हीरा लाल पासवान, गुलशन चौधरी, रोशन मिश्रा, बापी यादव, मिठुन यादव, पार्थो, कोसिक, महावीर, सुजॉय, समीर, बिट्टू मंडल, बिट्टू सिंह, बप्पी रजक, श्रीकांत रजक, एवं अनगिनत भक्तगण इस अद्वितीय संध्या में भगवान की भक्ति में लीन हो गए, सभी परमात्मा के प्रति अपनी भक्ति में एकजुट हुए। जिनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम के आध्यात्मिक माहौल को और बढ़ा दिया। उनकी अटूट आस्था और भक्ति ने आसपास के वातावरण को रोशन कर दिया, जिससे शांति और आनंद का माहौल बन गया।
शाम का समापन गहन आध्यात्मिक संतुष्टि के साथ हुआ, जिससे उपस्थित लोग अपनी आध्यात्मिक यात्रा के लिए प्रेरित और भक्तिमय हो गए। जैसे-जैसे वे आयोजन अपने समापन की ओर गयी, भक्तिपूर्ण भजनों की गूँज हवा में गूंजती रही, जो रेलवे कॉलोनी दुर्गा मंदिर में व्याप्त भक्ति की स्थायी भावना का प्रमाण था।