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गौरतलब है कि मेइती समुदाय की ओर से अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद मणिपुर में हिंसक झड़पें हुई हैं।
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने बृहस्पतिवार को कहा कि मणिपुर के हालात संभालने के लिए केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर्याप्त हैं और इस काम के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पूर्वोत्तर राज्य का दौरा करने की जरूरत नहीं है।
फडणवीस का यह बयान शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के उस बयान के कई दिन बाद आया है जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा था और प्रश्न किया था कि वह शांति बहाली के लिए मणिपुर जाने के बजाए अमेरिका का दौरा क्यों कर रहे हैं।
उप मुख्यमंत्री ने भारत में कोरोना वायरस रोधी टीके के निर्माण की दिशा में पहल का श्रेय एकबार फिर प्रधानमंत्री मोदी को दिया और कहा कि उनके कारण ही देश के 140 करोड़ नागरिकों को नि:शुल्क टीके दिए गए वरना ‘‘करोड़ों लोगों की मौत हो गई होती।’’
महाराष्ट्र के सातारा जिले के कराड़ शहर में एक रैली को संबोधित करते हुए फडणवीस ने ठाकरे का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘कुछ दिन पहले महाराष्ट्र के एक नेता ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका जा रहे हैं लेकिन मणिपुर नहीं जा रहे। मैं उन्हें बताना चाहूंगा कि हमारे गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर के हालात संभालने के लिए काफी हैं। मोदीजी को वहां जाने की कोई आवश्यकता नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ आप (ठाकरे) तो मातोश्री (ठाकरे का निजी आवास) से वर्ली (मुंबई का उपनगर) तक नहीं जाते, और आप प्रधानमंत्री से कह रहे हैं कि वह अमेरिका की बजाय मणिपुर जाएं। क्या उन्हें (ठाकरे को) इस पर बोलने का कोई अधिकार है।’’
गौरतलब है कि मेइती समुदाय की ओर से अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद मणिपुर में हिंसक झड़पें हुई हैं।
हिंसा में अब तक करीब 120 लोगों की जान गई है और 3,000 से अधिक घायल हुए हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री ने हिंसा प्रभावित मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए 24 जून को नयी दिल्ली में सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
फडणवीस ने रविवार को अकोला में अपने संबोधन में भारत में कोरोना वायरस संक्रमण रोधी टीके के निर्माण का श्रेय प्रधानमंत्री को दिया था। इस पर ठाकरे ने व्यंग्य करते हुए कहा था ,‘‘ अगर मोदीजी ने टीका बनाया तो वैज्ञानिक क्या कर रहे थे? क्या वे घास छील रहे थे?’’
उप मुख्यमंत्री ने इस पर जवाब देते हुए कहा,‘‘ आज मैं फिर दोहरा रहा हूं कि प्रधानमंत्री ने टीका बनाया क्योंकि दुनिया के केवल पांच देश टीके की खुराक बना सकते थे। कई देशों के पास कच्चा माल था लेकिन वे उसे अन्य देशों के साथ साझा नहीं कर रहे थे। ये प्रधानमंत्री के अन्य देशों के साथ संबंध थे जिसके कारण हमें कच्चा माल मिलने में मदद मिली।
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