ब्लड की कमी से जूझ रहे थे दो मरीज, परिजनों को करना पड़ा संघर्ष
पाकुड़ सदर अस्पताल, सोनाजोड़ी में इलाज़रत दो मरीजों को रक्त की सख्त जरूरत पड़ी, लेकिन समय पर ब्लड की व्यवस्था नहीं हो पाई। पहला मामला महेशपुर कुलबोना की रहने वाली रूकाया खातून का था, जिनका हीमोग्लोबिन बहुत कम हो गया था और उन्हें ए पॉजिटिव ब्लड की आवश्यकता थी। दूसरा मामला अंजना के रहने वाले दो वर्षीय मासूम आहिल शेख का था, जो थैलेसीमिया से पीड़ित था और बी पॉजिटिव रक्त की जरूरत थी।
डॉक्टरों ने दिया रक्त चढ़ाने का सलाह, परिजन परेशान
अस्पताल के डॉक्टरों ने मरीजों की गंभीर स्थिति को देखते हुए तुरंत रक्त चढ़ाने की सलाह दी। मरीजों के परिजनों ने हरसंभव प्रयास किया, लेकिन रक्त की व्यवस्था नहीं हो पाई। परिजनों ने इंसानियत फाउंडेशन से रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
इंसानियत फाउंडेशन बना संकटमोचक
जैसे ही इस समस्या की जानकारी इंसानियत फाउंडेशन को मिली, संस्था के अध्यक्ष सद्दाम हुसैन, सचिव बानिज शेख और उप सचिव आसादुल मुल्ला ने रक्तदाताओं की व्यवस्था करने के लिए तुरंत पहल की। उन्होंने पाकुड़ ब्लड बैंक से संपर्क कर रक्तदान की व्यवस्था की और दोनों मरीजों के लिए सिदाम लेट और मुरतुज अली को रक्तदान के लिए तैयार किया।
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सिदाम लेट और मुरतुज अली ने किया रक्तदान
रक्तदान अभियान में सिदाम लेट ने ए पॉजिटिव और मुरतुज अली ने बी पॉजिटिव रक्तदान किया, जिससे दोनों मरीजों की जान बचाई जा सकी। रक्तदाताओं ने कहा कि इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं होता। उन्होंने लोगों से अपील की कि जात-पात और धर्म के भेदभाव से ऊपर उठकर जरूरतमंदों की मदद करें और रक्तदान जैसे महादान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें।
रक्तदान से जुड़ा प्रेरणादायक संदेश
रक्तदान करने वाले युवाओं ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम, जात-पात के भेदभाव को भूलकर हमें एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “हम हिंदुस्तानी हैं, हमें मिल-जुलकर रहना चाहिए और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना चाहिए।”
युवाओं से रक्तदान करने की अपील
इंसानियत फाउंडेशन के अध्यक्ष सद्दाम हुसैन और उप सचिव आसादुल मुल्ला ने कहा कि रक्तदान एक महादान है और इससे किसी की जिंदगी बच सकती है। उन्होंने सभी युवाओं से अपील की कि वे नियमित रूप से रक्तदान करें और जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहें।
अस्पताल में मौजूद रहे कई महत्वपूर्ण लोग
इस नेक कार्य के दौरान अध्यक्ष सद्दाम हुसैन, उप सचिव आसादुल मुल्ला, कर्मचारी नवीन कुमार और पियूष दास भी मौजूद रहे। उन्होंने रक्तदाताओं का आभार व्यक्त किया और कहा कि इस तरह की पहल समाज में सकारात्मक संदेश फैलाती है और दूसरों को भी जरूरतमंदों की मदद करने के लिए प्रेरित करती है।
रक्तदान: एक सामाजिक जिम्मेदारी
इस घटना ने यह साबित कर दिया कि रक्तदान न केवल जरूरतमंद मरीजों की जान बचा सकता है, बल्कि यह समाज में एकता और भाईचारे की भावना को भी मजबूत करता है। युवाओं को आगे आकर इस नेक काम में हिस्सा लेना चाहिए, ताकि किसी भी जरूरतमंद को रक्त की कमी के कारण परेशानी न हो।