[ad_1]
हेमंत सोरेन के साथ कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत
– फोटो : amar ujala
विस्तार
शुक्रवार को पटना में देश के भाजपा-विरोधी 15 दलों की बैठक हुई, जिनमें से 14 दलों के नेताओं ने मीडिया के सामने अपनी बात रखी। अपनी बात कहकर जब नेताओं का काफिला बिहार के मुख्यमंत्री आवास से निकला तो अचानक झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गाड़ी पटना एयरपोर्ट जाने की जगह घूमकर दूसरी तरफ निकल गई। यह काफिला राज्य के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत के घर पहुंचकर रुका। बिहार के मंत्री से झारखंड के सीएम ने मुलाकात की।
मुलाकात हुई तो क्या बात हुई, मंत्री ने बताया
“राजनीति पर खूब बात हुई। विपक्षी एकता के बिंदुओं पर बात हुई। देश के हालात पर बात हुई। हिंदू-मुस्लिम के बीच बढ़ाई जा रही खाई पर बात हुई। आजादी पर बात हुई और आज छिन रही स्वतंत्रता पर भी बात हुई। लेकिन, झारखंड के मुख्यमंत्री बिहार के किसी मंत्री के घर आए, यह बात नहीं थी। यह दो दोस्तों की मुलाकात थी।”- ‘अमर उजाला’ से विशेष बातचीत में बिहार की नीतीश सरकार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने यह जानकारी दी। कुमार सर्वजीत ने कहा- “हमारी पुरानी मित्रता है। एक साथ हम लोगों ने स्कूल में पढ़ा है। एक साथ कॉलेज में पढ़ा है। जब वह बिहार की पवित्र धरती पर आ रहे थे तो उन्होंने मुझे मैसेज किया कि मैं तुम्हारे घर पर आऊंगा चाय पीने के लिए। बहुत अच्छा लगा। बचपन की यादें ताजा हो गईं। आए हमारे यहां, चाय पीये, नाश्ता किया। और, एक संदेश भी दिया कि देश दुनिया में मित्रता और भाईचारा ही सबसे बड़ी चीज होती है। इसी से देश को तरक्की की ओर ले जाया जा सकता है। अच्छा लगा कि उन्होंने देश में एकता-अखंडता कायम रखने के लिए कराई गई बैठक में आकर हमारी मित्रता भी निभाई। इससे बड़ी खुशी की बात और क्या हो सकती है!
एक घंटे में इस बैठक के मुद्दों पर ज्यादा बात हुई
इस मित्रता के लिए सोरेन ने एक घंटे का समय निकाला था। इस मौके पर पुराने साथी भी मिले, जिसमें कुछ झारखंड के थे तो कुछ दिल्ली से आए थे। कुमार सर्वजीत बताते हैं- “राजनीति पर ही बात हुई। देश का नौजवान भाईचारा चाहता है, उसी पर बात हुई। कितना सुंदर नारा था, मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना। पता नहीं देश को किसकी नजर लग गई है कि लोग देश की तरक्की की बजाय हिंदू-मुस्लिम की बात कर रहे हैं। विपक्षी एकता को लेकर मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक में मैं नहीं था, लेकिन सोरेन भाई ने बताया कि बैठक में भी इसी बात पर चर्चा हुई। बिहार की इस पवित्र धरती पर वही लोग आए, जिन्हें देश में अमन और चैन पसंद है। जो भाईचारा चाहते हैं, जो देश की तरक्की चाहते हैं। यह न तो विपक्षियों की बैठक थी और न महागठबंधन की बैठक थी। यह देश एकता के लिए भाईचारे की बैठक थी।”
[ad_2]
Source link