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गुलशन सिंह/बक्सर.जिले के ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में जीविका द्वारा लगातार पहल की जा रही है ताकि महिलाओं के जीवन में खुशियों के रंग भर सके. इसी कड़ी में चौसा प्रखंड में 60 लाख की लागत से राज्य का पहला मायरा जैविक सैनिटरी पैड उत्पादन इकाई को स्थापित किया गया है. इसका संचालन जननी जीविका महिला समूह से जुड़ी महिलाएं कर रही है. जीविका से जुड़कर महिलाएं भी स्वावलंबी बनकर सफलता की कहानी गढ़ रही है. चौसा में स्थापित राज्य के पहले जैविक सैनेटरी पैड यूनिट के उत्पादन में महिलाएं अहम भूमिक अदा कर रही है. अपनी मेहनत की बदौलत महिलाएं लगातार उत्पादन क्षमता को बढ़ा रही है.
जीविका के जिला प्रबंधक प्रवीण कुमार ने बताया कि चार माह पूर्व डीएम ने इस यूनिट का उद्धघाटन किया था. उन्होंने बताया कि तकरीबन 60 लाख की लागत से राज्य के प्रथम जैविक सैनेटरी पैड यूनिट लगाई गई है. इसको स्थापित करने में चौसा थर्मल पावर प्लांट एसजेवीएन और जीविका ने संयुक्त रूप से राशि उपलब्ध कराया है. उन्होंने बताया कि चौसा के सैनेटरी पैड यूनिट में अलग-अलग प्रकार की आठ मशीनें लगी हैं. इस यूनिट में 18 ग्रामीण महिलाएं रोजगार कर रही है. सभी महिलाओं को न्यूनतम 4 हजार रुपए प्रति माह वेतन के रूप में दिया जा रहा है. फिलहाल यहां डे शिफ्ट में ही उत्पादन का कार्य हो रहा है तो महिलाएं दिन में ही काम करती है. उन्होंने बताया कि जीविका दीदियों द्वारा निर्मित इस सैनेटरी पैड की खासियत यह है कि उपयोग के बाद मिट्टी के संपर्क में आने से गल कर मिट्टी हो जाएगा. जिससे वातावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा.
जीविका से जुड़कर महिलाओं के जीवन में आया बदलाव
जीविका के अधिप्राप्ति प्रबंधक दीपक कुमार ने बताया कि बाजार में बिक रहे सैनिटरी पैड में केमिकल व प्लास्टिक का उपयोग होता है. जबकि, चौसा स्थित जीविका के यूनिट में बनने वाले पैड में 100 प्रतिशत रुई का उपयोग होता है. यह जैविक पैड पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी सुरक्षित है. उन्होंने बताया कि केवल चौसा में 880 समूह बने हुए हैं जबकि जिले भर में कुल 13 हजार जीविका समूह संचालित हो रहे है. चौसा में प्रतिदिन 1400 पैड का उत्पादन हो रहा है. जिसे अभी जिले के समूह को सप्लाई किया जा रहा है.
दो किस्म के जैविक सैनिटरी पैड का हो रहा है निर्माण
जीविका के अधिप्राप्ति प्रबंधक दीपक कुमार ने बताया कियहां दो किस्म के जैविक सैनिटरी पैड बनाएं जा रहे है. एक पैकेट में 7 पैड रहता है, जिसे होलसेल रेट 32 रुपए तथा दूसरा वेरायटी को 34 रुपए में समूह को दिया जाता है. उन्होंने बताया कि डिमांड के मुताबिक अभी उत्पादन नहीं हो पा रहा है. इसलिए आने वाले दिनों में इसका विस्तार किया जाना है. यूनिट में काम करने वाली बनारपुर गाँव की महिला निशा देवी का कहना है कि जीविका से जुडने के बाद उनके जीवन में काफी बदलाव आया है. उनके परिवार को जीविका ने आर्थिक तंगी से उबरने में सहयोग किया है. निशा ने बताया कि यहां काम करने वाली सभी महिलाएं खुश है.
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FIRST PUBLISHED : June 29, 2023, 13:58 IST
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