मरीजों की गंभीर स्थिति से मचा हड़कंप
पाकुड़ शहर के सदर अस्पताल में उस समय हड़कंप मच गया जब एक ओर कैंसर पीड़िता सवीला खातून की हालत गंभीर हो गई, वहीं दूसरी ओर दो डिलीवरी मरीजों की भी स्थिति अत्यंत चिंताजनक हो गई। इन तीनों महिलाओं के शरीर में गंभीर रूप से खून की कमी थी, जिसके कारण उनके इलाज में लगातार बाधा उत्पन्न हो रही थी। डॉक्टरों की टीम हरसंभव प्रयास कर रही थी, लेकिन रक्त की अनुपलब्धता से स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही थी।
‘लाइफ सेवियर्स’ समूह बना उम्मीद की किरण
इस कठिन परिस्थिति में ‘लाइफ सेवियर्स’ समूह के सदस्य सोईबुर रहमान ने आगे बढ़कर इंसानियत की मिसाल पेश की। मरीजों की तकलीफ को देखते हुए उन्होंने तुरंत समूह के अन्य साथियों से संपर्क किया और रक्तदान करने के लिए प्रेरित किया। उनके इस प्रयास ने अस्पताल में भर्ती महिलाओं के जीवन को बचाने की दिशा में एक अहम कदम साबित किया।
तीन वीर रक्तदाताओं ने निभाई मानवता की जिम्मेदारी
सोईबुर रहमान के आह्वान पर तीन जांबाज रक्तदाता – अब्दुल ओदुद (गंधाईपुर), मुराद अंसारी (तोड़ाई) और मोरफुल शेख (अंजना) – ने न केवल तुरंत अस्पताल पहुंचकर रक्तदान के लिए सहमति दी, बल्कि खुद रक्त अधिकोष जाकर बारी-बारी से रक्तदान भी किया। इन सभी ने हर्षपूर्वक रक्तदान करते हुए यह संदेश दिया कि मानवता की सेवा ही सच्ची सेवा है।
रक्त मिलने से मरीजों को मिला नया जीवन
तीनों महिलाओं को समय पर रक्त मिलने के बाद उनका इलाज संभव हो सका। डॉक्टरों ने बताया कि यदि समय रहते खून की व्यवस्था नहीं होती, तो स्थिति और गंभीर हो सकती थी। मरीजों के परिजनों ने इन तीनों रक्तदाताओं का हृदय से आभार व्यक्त किया और उन्हें “देवदूत” की संज्ञा दी।
रक्तदाताओं ने दिया प्रेरणादायक संदेश
रक्तदान के बाद तीनों वीर रक्तदाताओं ने कहा कि “रक्तदान महादान है, इससे बड़ा कोई दान नहीं”। उन्होंने आगे कहा कि जब भी जरूरत पड़ेगी, वे हर बार आगे आकर रक्तदान करते रहेंगे। उनका यह सकारात्मक और प्रेरणादायक संदेश अन्य लोगों को भी सामाजिक सरोकार के प्रति जागरूक करेगा।
मौके पर मौजूद रहे कई जिम्मेदार लोग
इस पुनीत कार्य में सोईबुर रहमान, मुनिरूल, तथा रक्त अधिकोष के कर्मी नवीन और पीयूष भी मौजूद रहे। इन सभी की उपस्थिति और सहयोग से यह कार्य सफलता पूर्वक संपन्न हो सका।
मानवता आज भी ज़िंदा है
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि जब समाज के लोग निःस्वार्थ भाव से आगे आते हैं, तो किसी भी संकट से पार पाया जा सकता है। ‘लाइफ सेवियर्स’ समूह के इन तीन वीरों ने न केवल तीन जिंदगियां बचाईं, बल्कि समाज को रक्तदान के प्रति एक प्रेरणादायक उदाहरण भी प्रस्तुत किया।