Thursday, February 13, 2025
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योगीराज में रेलवे स्टेशन पर कार तो, अखिलेश शासन में दौड़ते थे घोड़े

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कुछ मिनट के इस घटनाक्रम की काफी आलोचना की गई और बद्री जी की कार के खिलाफ एफआईआर के बाद मामला शांत हो गया, लेकिन सियासत है कि थमने का नाम ही नहीं दे रही है। विपक्ष के तमाम नेता योगी सरकार पर हमलावर है।

एक-दो दिन पुरानी है, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह को लखनऊ के चारबाग स्टेशन से अपनी ट्रेन पकड़नी थी। वह  लेट हो रहे थे तो ट्रेन पकड़ने के लिए मंत्री जी ने अपनी कार ही रेलवे प्लेटफार्म के अंदर घुसा दी। इससे वहां मौजूद यात्रियों में अफरातफरी मच गई। उनकी कार तब तक प्लेटफार्म पर मौजूद रही जब तक कि वह हावड़ा-अमृतसर मेल में बैठकर रवाना नहीं हो गए। 

कुछ मिनट के इस घटनाक्रम की काफी आलोचना की गई और बद्री जी की कार के खिलाफ एफआईआर के बाद मामला शांत हो गया, लेकिन सियासत है कि थमने का नाम ही नहीं दे रही है। विपक्ष के तमाम नेता योगी सरकार पर हमलावर है। इसे लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तो यहाँ तक तंज कसा कि अच्छा हुआ ये बुलडोज़र से स्टेशन नहीं गये थे…। तो वहीं कई लोग अतीत की एक घटना के सहारे अखिलेश यादव की घेराबंदी में जुट गए हैं। 

बीजेपी वाले याद दिला रहे किस तरह से 2012 में समाजवादी पार्टी की विधानसभा चुनाव में जीत के बाद 2 अप्रैल 2012 को उसके माननीय विधायक जी स्टेशन में घोड़ा दौड़ाते दिखे थे। मामला पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिला देवरिया से जुड़ा हुआ है। तब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही को हरा सपा की जीत का डंका बजाने वाले विधायक शाकिर अली जब अपने इलाके में पहुंचे तो उनको देखने वाले दंग रहे गए। ट्रेन से उतरते ही वह घोड़े पर सवार हो गए, घोड़े की सवारी करते हुए ही उन्होंने रेलवे स्टेशन के कई चक्कर लगाए।

अपने समर्थकों के साथ जीत का जश्‍न मनाते हुए अली ने कहा कि आने वाले दिनों पूरे विधान सभा क्षेत्र का घोड़े पर बैठकर दौरा करेंगे तथा पार्टी को मजबूत करेंगे। जब उनसे घोड़े की सवारी के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि घोड़ा व उनकी पार्टी को चुनाव निशान साइकिल एक समान ही है। घोड़े पर बैठकर प्लेटफार्म पर चहलकदमी करने को भाजपा ने सपा के गुण्डाराज की वापसी करार दिया। 

गौरतलब हो देवरिया के पथरदेवा विधानसभा क्षेत्र से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही को हराने वाले सपा विधायक शाकिर अली चुनाव बाद पहली बार अपने जिले पहुंचे थे.  जिस तरह आज अखिलेश यादव योगी सरकार केएक मंत्री के कृत्य पर बीजेपी और योगी सरकार के खिलाफ हमलावर हैं, 2012 में ऐसी प्रतिक्रिया तब बीजेपी ने दी थी। तब  के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष शाही ने इसे सपाई गुण्डाराज की वापसी की निन्दा करते हुए कहा कि सपा की सरकार बनते ही प्रदेश में ऐसी घटनाओं की बाढ़ आ गयी है। 

उन्होंने कहा कि मंत्री महबूब अली के स्वागत में फायरिंग हुई, झांसी में पत्रकारों को बंधक बनाने व मारने की घटना पहले ही हो चुकी है। फिरोजाबाद में सपा नेताओं की फायरिंग से कई लोग मारे जा चुके हैं। मुरादाबाद में एक राज्यमंत्री के समर्थक ने एक अधिकारी की पिटाई की जबकि उसी जिले में एक सपा विधायक के पुत्र ने आरटीओ कार्यालय में गुण्डागर्दी की। उन्होंने कहा कि सपा की सरकार बनने के बाद जनता को इस प्रकार की घटनाओं से दो चार होना ही पड़ेगा।

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