Friday, February 7, 2025
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आयुष चिकित्सा को बढ़ावा देने पर जोर, डीसी ने की समीक्षा बैठक

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पाकुड़: जिले में आयुष चिकित्सा को बढ़ावा देने और इसे जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से उपायुक्त मनीष कुमार ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। इस बैठक में जिला आयुष चिकित्सा पदाधिकारी और विभिन्न आयुष आरोग्य केंद्रों में पदस्थापित सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक के दौरान उपायुक्त ने आयुष पद्धति के विकास कार्यों की विस्तार से समीक्षा की और भविष्य की कार्ययोजनाओं पर चर्चा की।


जनता तक पहुंचे आयुष चिकित्सा: डीसी का निर्देश

बैठक में उपायुक्त ने आयुष चिकित्सा पद्धति को अधिक प्रभावी बनाने और इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी (AYUSH) जैसी पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियां काफी प्रभावशाली हैं और इन्हें लोगों तक व्यापक रूप से पहुंचाने की जरूरत है। उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इस चिकित्सा पद्धति की जागरूकता बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन करें।


स्वास्थ्य शिविरों के कार्यों की सराहना

बैठक के दौरान उपायुक्त ने अब तक आयुष स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आयुष चिकित्सा के माध्यम से लोगों को बेहतर उपचार मिल रहा है, जो एक सराहनीय प्रयास है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इस अभियान को जारी रखें और इसे और प्रभावी बनाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य करें।


आयुष चिकित्सा को मुख्यधारा में लाने की पहल

उपायुक्त ने कहा कि आयुष चिकित्सा को मुख्यधारा में लाने की जरूरत है ताकि लोग इसके लाभों को समझ सकें और अपनी जीवनशैली में प्राकृतिक चिकित्सा और योग को अपनाएं। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर भी समर्थन दिया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आयुष पद्धति से उपचार को बढ़ावा देने के लिए प्रचार-प्रसार करें और लोगों को जागरूक करें।


आयुष आरोग्य केंद्रों की भूमिका अहम

बैठक में उपायुक्त ने जिला के आयुष आरोग्य केंद्रों की भूमिका को भी महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इन केंद्रों के माध्यम से लोगों को प्राकृतिक और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों का लाभ मिल रहा है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे इन केंद्रों की सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाएं और सुनिश्चित करें कि सभी आवश्यक दवाएं और सुविधाएं उपलब्ध हों।


भविष्य की योजनाओं पर चर्चा

बैठक में आयुष चिकित्सा के विकास के लिए भविष्य की योजनाओं पर भी चर्चा हुई। उपायुक्त ने कहा कि जल्द ही जिले में विशेष स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएंगे, जहां विशेषज्ञ डॉक्टर मरीजों का निःशुल्क उपचार करेंगे। इसके अलावा, योग और प्राकृतिक चिकित्सा शिविरों का भी आयोजन किया जाएगा ताकि लोग स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने के लिए प्रेरित हों।


आयुष चिकित्सा को लेकर प्रशासन का संकल्प

बैठक के अंत में उपायुक्त ने कहा कि आयुष चिकित्सा को बढ़ावा देना जिला प्रशासन की प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे इस दिशा में गंभीरता से कार्य करें और यह सुनिश्चित करें कि जिले के हर व्यक्ति को इस चिकित्सा पद्धति का लाभ मिले। उन्होंने आशा जताई कि आने वाले समय में आयुष चिकित्सा पद्धति को और अधिक लोकप्रिय बनाया जा सकेगा और लोग इसे अपनी स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली का अभिन्न हिस्सा बना पाएंगे।


आयुष चिकित्सा के विकास को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह सक्रिय है। उपायुक्त की इस समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य शिविरों के सफल क्रियान्वयन की सराहना की गई और आयुष चिकित्सा को आगे बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए। प्रशासन का यह प्रयास सुनिश्चित करेगा कि आयुष चिकित्सा पद्धति लोगों तक अधिक व्यापक रूप से पहुंचे और जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं को और सशक्त बनाया जा सके।

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