पाकुड़ । जिला स्तरीय रबी कर्मशाला का आयोजन जिला संयुक्त कृषि भवन पाकुड़ के आत्मा सभागार में किया गया।
इस कार्यशाला का उद्घाटन जिला परिषद अध्यक्ष जूली खिष्टमणि हेंब्रम पाकुड़ के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
इस कार्यशाला में जिला सहकारिता पदाधिकारी ने कहा कि जिले में सुखाड़ की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री सूखाड़ राहत योजना में छूटे हुए किसान अपना रजिस्ट्रेशन अवश्य करें, ताकि इस योजना का लाभ प्रभावित किसानों को मिल सके।
कृषि वैज्ञानिक महेशपुर डॉ० विनोद कुमार द्वारा बताया गया कि सुखाड़ की स्थिति को देखते हुए किसानों को मोटे अनाज की खेती का बढ़ावा देना चाहिए। इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया गया है। किसानों को ज्वार, बाजरा, रागी, गुनदली आदि का खेती पर जोड़ देना चाहिए। कृषि विज्ञान केंद्र में रागी मरुआ का बीज उपलब्ध है।
उप परियोजना निदेशक आत्मा पाकुड़
अरविंद कुमार राय द्वारा बताया गया कि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं झारखंड कृषि ॠण माफी योजना, केसीसी, बीज बिनिमय योजना का लाभ किसान बंधु को लेना चाहिए। आत्मा, कृषि विभाग, भूमि संरक्षण विभाग, उद्यान विभाग के योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया।
जिला परिषद अध्यक्ष ने अपने संबोधन में कहा कि कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ किसान लें एवं पदाधिकारीगण विभाग की योजना की जानकारी प्रखंड स्तर, पंचायत स्तर पर किसानों को दें, ताकि किसान योजनाओं का लाभ ले सके।
प्रखंड तकनीकी प्रबंधक पाकुड़ मो० शमीम अंसारी द्वारा रबी फसल की खेती के बारे में विस्तार से बताया गया। उन्होंने बताया कि सुखाड़ की स्थिति में किसानों द्वारा कम पानी में खेती की गई। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का लाभ लेकर किसान कम पानी में प्लास्टिक मल्चिंग का प्रयोग कर खेती कर और उत्पादन बढ़ा सकते हैं।
जिला संयोजक सुनहरा कल अमित कुमार द्वारा जिले में आकांक्षी योजनाओं के कार्यान्वयन पर विस्तार से चर्चा की गई।
इस कार्यक्रम में जिला के जनसेवक, सभी सहायक तकनीकी प्रबंधक, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, किसान मित्र एवं बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।