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श्रीनगर के एक व्यापारी ने कहा कि पिछले दो वर्षों में कोविड प्रतिबंधों के बावजूद, बिक्री अच्छी थी और जो कोई भी दुकान पर आ रहा था, वह कुछ ना कुछ सामान खरीद रहा था। लेकिन इस बार उतनी बिक्री भी नहीं हो रही है।
कुर्बानी के त्योहार ईद-उल-अजहा से पहले कश्मीर के बाजारों में इस बार खरीदारों की कम भीड़ देखी जा रही है जिससे दुकानदार परेशान हैं। दुकानदारों का यह भी कहना है कि बाजार से ग्राहकों के गायब होने का बड़ा कारण ऑनलाइन शॉपिंग तो है ही साथ ही मंदी और महंगाई की वजह से भी लोग कम खर्च कर रहे हैं। प्रभासाक्षी संवाददाता से बातचीत में दुकानदारों ने बताया कि इस बार हमें अच्छी बिक्री की उम्मीद थी और हमने इसके लिए काफी तैयारी भी की थी लेकिन ग्राहक घर से नहीं निकल रहे हैं। प्रभासाक्षी संवाददाता ने श्रीनगर के मुख्य बाजार में पाया कि मटन और बेकरी की दुकानों पर तो अच्छी खासी भीड़ है लेकिन कपड़ों तथा अन्य उत्पादों की दुकानों पर पहले जैसी भीड़ नहीं दिखी।
श्रीनगर के एक व्यापारी ने कहा कि पिछले दो वर्षों में कोविड प्रतिबंधों के बावजूद, बिक्री अच्छी थी और जो कोई भी दुकान पर आ रहा था, वह कुछ ना कुछ सामान खरीद रहा था। लेकिन इस बार उतनी बिक्री भी नहीं हो रही है। श्रीनगर के एक अन्य व्यापारी ने कहा कि महंगाई और गरीबी ने लोगों को परेशान किया है इसलिए वह इतने बड़े त्योहार पर भी खरीददारी नहीं कर रहे हैं। रेडीमेड कपड़ों का कारोबार करने वाले दुकानदार इरफान अहमद ने कहा कि वह त्योहारों के मौके पर बिक्री से लाखों रुपये कमाते थे लेकिन इस साल बहुत कम ग्राहक उनकी दुकान पर आ रहे हैं। उन्होंने कहा, “दस में से एक ग्राहक ही सामान खरीद रहा है।”
इस बीच, कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (केसीसीआई) के अध्यक्ष जावेद अहमद भट का कहना है कि मंदी के कारण कश्मीर ही नहीं, देश के अन्य भागों में भी कारोबार में सुस्ती दिख रही है। उन्होंने कहा कि आज का युवा ऑनलाइन शॉपिंग को तरजीह दे रहा है जिसका स्थानीय दुकानदारों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि आपको कश्मीर में जहां तहां डिलिवरी ब्वॉय को सामान डिलिवर करते देखा जा सकता है। यही कारण है कि लोग घर बैठे-बैठे ही मनपसंद सामान मंगा रहे हैं।
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