पाकुड़ । नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक) जिला विकास प्रबन्धक कार्यालय, हजारीबाग
नाबार्ड ने आईएआरआई गौरियाकरमा के सहयोग से एफ़पीओ निदेशकों की क्षेत्रीय स्तरीय आवासीय कार्यशाला का आयोजन किया।
नाबार्ड के द्वारा सात जिलों के 40 से अधिक एफ़पीओ (प्रोड्यूसर कंपनियों) के 80 निदेशकों के लिए आईएआरआई गौरियाकरमा में तीन दिवसीय आवासीय कार्यशाला का आयोजन किया।
इस कार्यशाला का उद्देश्य इन जिलों के चुनिन्दा एफ़पीओ को विभिन्न हितधारकों के साथ अधिकाधिक समन्वय और बैंक ऋण के सहयोग और विशेषकर आईसीएआर के द्वारा विकसित तकनीकों और फसल-क़िस्मों/नस्लों से किसानों को लाभ पहुँचने वाली विभिन्न गतिविधियों के आधार पर बिज़नस प्लान बनाने और कृषि उत्पादों के वैल्यू चैन के विकास के लिए क्रमबद्ध कार्य-योजना बनाना था।
इस कार्यक्रम में नाबार्ड द्वारा 7 जिलों (हजारीबाग, गढ़वा, लातेहार, बोकारो, पूर्वी सिंहभूम, सराईकेला-खरसावाँ और छात्र) में गठित और विकसित किए जा रहे 40 एफ़पीओ के कुल 80 निदेशक, एफ़पीओ के संचालन, बिज़नस प्लान और संभावित क्षेत्रों में विशिष्ट उत्पादों में प्रोसेसिंग के द्वारा अच्छे मार्केट में पैठ बनाने की योजना बनाने पर कार्य करेंगे।
इसके अलावा प्रशिक्षु निदेशक एक मॉडल एफ़पीओ के कार्यालय प्रबंधन, खाता प्रबंधन और व्यापार प्रबंधन के मॉडल एफ़पीओ का भ्रमण कर उनका प्रत्यक्षण भी करेंगे।
कार्यक्रम के दौरान निदेशकों ने विभिन्न सत्रों में आईएआरआई के कार्यकारी निदेशक डॉ॰ विशाल नाथ पाण्डेय, वरीय वैज्ञानिक डॉ. पंकज कुमार सिन्हा और अन्य वैज्ञानिकों तथा जिला कृषि पदाधिकारी और उनके कार्यालय के पदाधिकारिओ और एफ़पीओ सेक्टर के अनुभवी प्रशिक्षकों से मार्गदर्शन प्राप्त करने के साथ आईएआरआई में उपलब्ध और नयी तकनीकों से लाभान्वित हुआ।
इस कार्यक्रम के सफलतापूर्वक सम्पन्न करने में आईएआरआई के नोडल पदाधिकारी/ वैज्ञानिक डॉ. पंकज कुमार सिन्हा की प्रमुख भूमिका रही।