[ad_1]
- Hindi News
- Local
- Jharkhand
- Three Convicts Including Lokesh Chaudhary Were Sentenced To Life Imprisonment, The Court Imposed A Fine
रांची41 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
हत्या के आरोपी लोकेश सहित तीन को उम्रकैद
कारोबारी हेमंत अग्रवाल और महेंद्र अग्रवाल की हत्या के मामले में अपर न्याययुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी समेत तीनों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। तीनों आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया था। सजा पर सुनवाई करते हुए उम्रकैद की सजा का फैसला आया। लोकेश के साथ इस हत्याकांड में सुनील सिंह और धर्मेंद्र कुमार तिवारी शामिल थे। तीनों लोगों के खिलाफ 30- 30 हजार रूपए जुर्माना भी लगाया गया है।
एक आरोपी कोर्ट से बरी
अशोक नगर स्थित साधना न्यूज चैनल के कार्यालय में लालपुर निवासी हेमंत अग्रवाल और महेंद्र अग्रवाल की हत्या में शामिल 4 आरोपियों में से 3 आरोपियों को अदालत ने दोषी ठहराया था। दोषियों में न्यूज चैनल के मालिक लोकेश कुमार चौधरी, गार्ड धर्मेंद्र कुमार तिवारी और लोकेश का बॉडीगार्ड सुनील सिंह शामिल हैं। चौथे आरोपी ड्राइवर रवि शंकर लाल को कोर्ट ने निर्दोष ठहराते हुए बरी कर दिया था।
तीनों आरोपियों को दोषी ठहराया गया था औज आज इस पर अदालत का फैसला आया है। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए लोकेश चौधरी, सुनील कुमार उर्फ सुनील सिंह और धर्मेंद्र कुमार तिवारी को हत्या करने, लाश छिपाने, आपराधिक साजिश रचने और आर्म्स एक्ट में दोषी ठहराया। अरगोड़ा थाने में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार लोकेश चौधरी ने लालपुर निवासी व्यवसायी बंधु हेमंत अग्रवाल व महेंद्र अग्रवाल को 6 मार्च 2019 को दफ्तर में बुलाया था। पैसे के लेन-देन को लेकर विवाद होने लगा। इसी बीच लोकेश चौधरी ने दोनों भाइयों को गोली मार दी। दोनों की वहीं मौत हो गई थी।
एक आरोपी एमके सिंह अभी भी फरार
हत्याकांड में संलिप्त एक अन्य आरोपी एमके सिंह को पुलिस अबतक नहीं खोज पाई। अनुसंधान और सुनवाई के दौरान इस तथ्य का खुलासा हुआ है कि फरार आरोपी एमके सिंह मामले में दोषी लोकेश चौधरी का मित्र है। सुनवाई के दौरान गवाहों ने कहा है कि घटना के दिन फरार आरोपी एमके सिंह का व्यवसायी अग्रवाल बंधुओं से पैसों को लेकर विवाद हुआ था। घटना के समय एमके सिंह वहां मौजूद था। अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 19 गवाहों को कोर्ट में पेश किया गया।
लोकेश चौधरी 21 महीने तक था फरार
घटना को अंजाम देने के बाद लोकेश चौधरी ने झारखंड छोड़ दिया था। फरारी के दौरान उसने अग्रिम जमानत याचिका निचली अदालत से लेकर हाईकोर्ट तक दाखिल की। कहीं से भी राहत नहीं मिली।
पुलिस की दबिश के बाद 9 मार्च 2020 को अदालत में सरेंडर किया। जहां से उसे अदालत ने जेल भेज दिया। तब से वह लगातार जेल में ही है।
[ad_2]
Source link