Thursday, January 23, 2025
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राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन: न्यायिक प्रक्रिया में त्वरित समाधान का मंच

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पाकुड़। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वाधान में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 14 दिसंबर 2024 को किया गया। यह कार्यक्रम प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पाकुड़, शेष नाथ सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।

लोक अदालत: न्यायिक प्रक्रिया में सुलह समझौते का महत्व

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इस अवसर पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने लोक अदालत के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि यह ऐसा मंच है जहां सुलह समझौते के आधार पर वादों का निष्पादन किया जाता है। इससे न केवल पक्षकारों को त्वरित न्याय मिलता है, बल्कि समय और संसाधनों की भी बचत होती है। उन्होंने लोक अदालत से मिलने वाले लाभों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी और संबंधित अधिकारियों को बैंक मामलों में अधिक से अधिक वादों के निष्पादन पर जोर देने के निर्देश दिए।

आठ बेंचों का गठन और वादों का निष्पादन

कार्यक्रम में आठ बेंचों का गठन किया गया था, जिनमें कुल 8541 वादों का निष्पादन किया गया। इस निष्पादन के दौरान 1 करोड़ 82 लाख 49 हजार 331 रुपये का समझौता किया गया। यह आंकड़ा दर्शाता है कि लोक अदालत त्वरित और प्रभावी समाधान का प्रमुख मंच है।

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सुलह समझौते के माध्यम से विभिन्न प्रकार के वादों का निपटारा

कार्यक्रम में सचिव अजय कुमार गुड़िया ने बताया कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न प्रकार के वादों जैसे:

  • अपराधिक मामले
  • बैंक रिकवरी वाद
  • मोटर दुर्घटना प्रतिकर वाद
  • श्रम वाद
  • राजस्व व भूमि वाद
  • चेक बाउंस वाद
  • बिजली एवं जल वाद
  • पारिवारिक वाद
    आदि का निष्पादन किया गया। इन वादों को पक्षकारों के बीच आपसी सुलह समझौते के आधार पर सुलझाया गया।

पाकुड़ व्यवहार न्यायालय में आयोजित कार्यक्रम

यह राष्ट्रीय लोक अदालत पाकुड़ व्यवहार न्यायालय में आयोजित की गई। कार्यक्रम में न्यायाधीशों, अधिवक्ताओं, अदालत कर्मियों, पैरा लीगल वॉलंटियर्स और वादी-प्रतिवादी पक्षों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।

विशिष्ट न्यायिक और कानूनी अधिकारियों की उपस्थिति

इस अवसर पर प्रधान न्यायाधीश, कुटुंब न्यायालय सुधांशु कुमार शशि, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहिउद्दीन, स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष अशोक कुमार शुक्ला, अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम, कुमार क्रांति प्रसाद, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शिल्पा मुर्मू, सचिव अजय कुमार गुड़िया, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विशाल मांझी, और अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सदिश उज्जवल बेक उपस्थित रहे।

न्यायिक प्रक्रिया में लोक अदालत की भूमिका

इस कार्यक्रम ने न्यायिक प्रक्रिया में लोक अदालत की महत्ता को एक बार फिर साबित किया। यह मंच न केवल पक्षकारों को न्याय दिलाने में मदद करता है, बल्कि न्यायिक तंत्र पर पड़ने वाले बोझ को भी कम करता है। इसके माध्यम से वादों का शीघ्र समाधान और समझौतों के आधार पर न्याय सुनिश्चित किया जाता है।

लोक अदालत की सफलता: एक प्रेरक उदाहरण

राष्ट्रीय लोक अदालत के इस आयोजन ने यह दर्शाया कि जब सभी संबंधित पक्ष मिलकर काम करते हैं, तो वादों के शीघ्र और प्रभावी समाधान संभव हैं। यह कार्यक्रम पाकुड़ जिले में न्यायिक प्रक्रिया की एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।

लोक अदालत न्याय प्रणाली में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस तरह के आयोजन न केवल आम जनता में न्यायिक प्रक्रिया के प्रति विश्वास बढ़ाते हैं, बल्कि सुलह समझौते के माध्यम से विवादों का त्वरित समाधान भी प्रदान करते हैं। राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन ने न्यायिक प्रक्रिया में एक नई ऊर्जा का संचार किया और पक्षकारों को राहत प्रदान की।

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