ज्ञान और तकनीक के प्रतीक दीप से हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2025 के उपलक्ष्य में पाकुड़ पॉलिटेक्निक संस्थान में एक भव्य और प्रेरणादायक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और नवाचार की भावना को प्रोत्साहित करना था। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य प्रशासनिक पदाधिकारी निखिल चंद्र और परीक्षा नियंत्रक अमित रंजन द्वारा दीप प्रज्वलन से की गई, जो ज्ञान, नवाचार और उज्ज्वल भविष्य का प्रतीक माना गया।
संस्थान के निदेशक का ऑनलाइन संदेश: पर्यावरण संरक्षण और नवाचार पर बल
कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक अमिया रंजन ने ऑनलाइन माध्यम से जुड़कर विद्यार्थियों को उत्साहित किया। अपने प्रेरणास्पद संबोधन में उन्होंने छात्रों से पुन: उपयोग, पुनर्चक्रण और प्लास्टिक के न्यूनतम उपयोग जैसे पर्यावरण-संवेदनशील उपायों को अपनाने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सतत प्रयासरत रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि आज के युवा ही आने वाले कल के वैज्ञानिक, तकनीकी नेता और पर्यावरण योद्धा होंगे।
तकनीकी प्रस्तुतियों में झलकी नवाचार की झलक
कार्यक्रम की सबसे खास विशेषता रही छात्रों द्वारा प्रस्तुत की गई विषय आधारित तकनीकी प्रस्तुतियाँ, जिन्होंने भविष्य की तकनीकों और सामाजिक सरोकारों को अत्यंत प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया। विभिन्न विभागों के छात्रों ने तीन प्रमुख तकनीकी प्रोजेक्ट प्रस्तुत किए, जिन्हें उपस्थित संकाय सदस्यों, कर्मचारियों और छात्रों ने अत्यंत सराहा।
“नैनोक्योर एआई” – स्वास्थ्य क्षेत्र में नई क्रांति की संभावना
पहली प्रस्तुति, जिसका शीर्षक था “नैनोक्योर एआई: द साइलेंट वॉरियर इनसाइड यू”, ने स्वास्थ्य सेवाओं में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और नैनोप्रौद्योगिकी के अद्भुत उपयोग को प्रदर्शित किया। यह प्रस्तुति मानव शरीर के भीतर रोगों की प्रारंभिक पहचान और उपचार की तकनीकों पर केंद्रित थी, जिससे गंभीर बीमारियों को प्रारंभिक चरण में ही रोका जा सकेगा। यह प्रस्तुति स्वास्थ्य प्रणाली में भविष्य की क्रांतिकारी संभावनाओं को उजागर करती है।
“स्मार्ट आश्रय” – खनन श्रमिकों की सुरक्षा के लिए अभिनव समाधान
दूसरी प्रस्तुति का विषय था “माइनिंग कर्मियों के लिए जलवायु-संवेदनशील स्मार्ट आश्रय”, जिसमें छात्रों ने खनन क्षेत्रों में कार्यरत श्रमिकों के लिए एक सुरक्षित, टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल आवासीय समाधान प्रस्तुत किया। यह विचार जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं की पृष्ठभूमि में अत्यंत प्रासंगिक रहा, जिसमें संवेदनशील तापमान, वातावरणीय सुरक्षा और ऊर्जा दक्षता को प्राथमिकता दी गई।
“ब्रह्मालिंक, नैनोटेक, डायमंड बैटरी” – हरित भविष्य की कल्पना
तीसरी और अंतिम प्रस्तुति थी “ब्रह्मालिंक, नैनोटेक, डायमंड बैटरी”, जो बीसीए विभाग के छात्रों द्वारा प्रस्तुत की गई। इस प्रस्तुति में मस्तिष्क-कंप्यूटर इंटरफेस, नैनो-तकनीक आधारित संचार और परमाणु अपशिष्ट से बनी डायमंड बैटरियों के माध्यम से एक ऐसे स्मार्ट और हरित भविष्य की परिकल्पना की गई, जिसमें ऊर्जा संकट, कंप्यूटिंग दक्षता और सतत विकास को एक साथ संबोधित किया गया।
छात्रों की प्रस्तुति को मिली सराहना, भविष्य के लिए मिला मार्गदर्शन
इन तीनों प्रस्तुतियों ने न केवल छात्रों की तकनीकी दक्षता को प्रदर्शित किया, बल्कि यह भी साबित किया कि आज का युवा समाज, पर्यावरण और तकनीक के प्रति सजग है और उसके समाधान हेतु संकल्पित भी। कार्यक्रम के दौरान छात्रों को प्रशस्ति पत्र और प्रेरणादायक संदेशों के माध्यम से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का उत्साहपूर्ण समापन और भविष्य की दिशा
कार्यक्रम का समापन प्रेरणादायक शब्दों के साथ हुआ, जिसमें उपस्थित सभी विद्यार्थियों को विज्ञान, तकनीक और नवाचार के क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया गया। संकाय सदस्यों ने छात्रों को समाजोपयोगी तकनीकी विचारों पर कार्य करते रहने की सलाह दी।
पाकुड़ पॉलिटेक्निक की प्रतिबद्धता: वैज्ञानिक सोच और तकनीकी उत्कृष्टता की ओर
पाकुड़ पॉलिटेक्निक लगातार इस दिशा में कार्यरत है कि उसके छात्र वैज्ञानिक जिज्ञासा, नवाचार की भावना और तकनीकी दक्षता के साथ समाज के लिए उत्तरदायी नागरिक बनें। संस्थान का लक्ष्य है कि वह विद्यार्थियों को न केवल शैक्षणिक रूप से सशक्त, बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में अग्रसर रहे।