पाकुड़। हर साल 22 अप्रैल को वर्ल्ड अर्थ-डे यानी विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को पर्यावरण को लेकर जागरूक करना है। वर्ष 2024 में विश्व पृथ्वी दिवस का थीम था “प्लेनेट बनाम प्लास्टिक“।
धरती को जननी कहते हैं। धरती जानवरों से लेकर इंसानों तक को जीवन देती है। जिंदा रहने के लिए श्वास, जल और भोजन देती है। हालांकि इंसान पृथ्वी से प्राप्त तत्वों का भरपूर दोहन कर रहे हैं और उसे नुकसान पहुंचा रहे हैं। दिन पर दिन पृथ्वी और इसका वातावरण दूषित हो रहा है। ऐसे में विश्व प्रतिवर्ष 22 अप्रैल को अर्थ डे यानी पृथ्वी दिवस मनाता है। पृथ्वी दिवस मनाने का उद्देश्य वातावरण को संरक्षित करने के लिए लोगों को जागरूक करना है। इस दिन को मनाने की शुरुआत अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन ने 1970 में की थी। पर्यावरणीय खतरे को कम करने के लिए लोगों को पृथ्वी द्वारा प्रदत्त चीजों के लिए धन्यवाद देना चाहिए और पृथ्वी दिवस पर प्रकृति के संरक्षण का संकल्प लेना चाहिए।
पाकुड़ पॉलिटेक्निक में भी आज विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर चित्रकला एवं निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया साथ ही सेमिनार के माध्यम से संस्थान के कर्मचारियों और छात्रों को पृथ्वी के संरक्षण हेतु क्या क्या कदम उठाने चाहिए, उसकी विस्तृत जानकारी प्रेजेंटेशन के माध्यम से दी गयी। साथ ही शपथ भी दिलाई गई।
संस्थान के माइनिंग ब्रांच के शिक्षक राहुल चौधरी ने उक्त सेमिनार में अपना व्याख्यान दिया। प्राचार्य डॉ ऋषिकेश गोस्वामी, मुख्य प्रशासनिक पदाधिकारी निखिल चंद्र और परीक्षा नियंत्रक अमित रंजन ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम में ऑनलाइन जुड़ते हुए संस्थान के निदेशक अभिजीत कुमार ने वातावरण पर प्लास्टिक के घातक प्रभाव पर प्रकाश डाला साथ ही सभी को प्लास्टिक कम से कम उपयोग करने की सलाह दी।
चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर क्रमशः आज़ाद अंसारी (सिविल), कामिनी कौशल (सिविल) और आशा किरण टुडू (इलेक्ट्रिकल) रहे। साथ ही निबंध प्रतियोगिता में रितेंद्र भंडारी (बी सी ए), अंशु प्रिय (इलेक्ट्रिकल) और आर्यन कुमार मिश्र (सिविल) प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहे।
कार्यक्रम का संचालन संस्थान के अंग्रेजी के शिक्षक सुदीप्तो दास ने किया। सभी शिक्षकगण और कर्मचारी मौजूद रहे।