पाकुड़। आउटसोर्सिंग संघ इकाई की बैठक महत्वपूर्ण मांगों के साथ संपन्न हुई। आउटसोर्सिंग संघ इकाई ने एक समान कम के लिए समान वेतन की वकालत करने के साथ-साथ 60 वर्षों की अवधि के लिए आउटसोर्सिंग कर्मियों के लिए नियमित और समान वेतन लागू करने की मांग रखी। साथ ही आउटसोर्सिंग की प्रथा को खत्म करने की भी मांग रखी गई।
बैठक में अध्यक्ष गोविंद पांडे, उपाध्यक्ष अमृता सिंह, सचिव राहुल कुमार, कोषाध्यक्ष माजिद अंसारी सहित अन्य कार्मिगण उपस्थित हुए।
अध्यक्ष गोविंद पांडे ने बताया की आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए पर्याप्त अवधि के लिए नियमित और उचित वेतन सुनिश्चित करने का निर्णय वेतन असमानता और नौकरी सुरक्षा से संबंधित लंबे समय से चली आ रही शिकायतों को दूर करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। समान काम के लिए समान वेतन की वकालत करके, संघ का लक्ष्य भेदभाव को खत्म करना और कार्यस्थल में निष्पक्षता को बढ़ावा देना है।
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वही उपाध्यक्ष अमृता सिंह ने कहा आउटसोर्सिंग की प्रथा नौकरी की अस्थिरता और कर्मियों के अधिकारों से संबंधित चिंताओं को उजागर करता है। आउटसोर्सिंग एक विवादास्पद मुद्दा रहा है, जो अक्सर कर्मियों के लिए शोषण और अनिश्चित रोजगार स्थितियों का कारण बनता है। इस प्रथा को चुनौती देने के लिए संघ का रुख अपने सदस्यों के हितों और कल्याण की रक्षा के प्रति समर्पित है।
बैठक आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की कामकाजी परिस्थितियों और अधिकारों में सुधार के लिए चल रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम का संकेत देते हैं। सामूहिक सौदेबाजी और वकालत के माध्यम से, आउटसोर्सिंग यूनियन का लक्ष्य सकारात्मक बदलाव लाना है जो इसके सदस्यों को लाभान्वित करता है और अधिक न्यायसंगत और उचित श्रम परिदृश्य में योगदान देता है।