पाकुड़। धान अधिप्राप्ति का कार्य 15 दिसंबर, 2024 से प्रारंभ होने जा रहा है। खरीफ विपणन मौसम 2024-25 के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। अधिप्राप्ति केंद्रों के रूप में लैंपस का चयन किया गया है, और इन केंद्रों पर धान क्रय के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं। राइस मिलरों को टैग करते हुए अधिप्राप्ति केंद्रों पर आवश्यक उपकरणों का अधिष्ठापन किया जा चुका है। इसके साथ ही, मानव बलों की प्रतिनियुक्ति भी सुनिश्चित की गई है, ताकि किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
न्यूनतम समर्थन मूल्य और बोनस की घोषणा
इस वर्ष किसानों से क्रय किए जाने वाले धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹2300 प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार द्वारा किसानों को ₹100 प्रति क्विंटल बोनस प्रदान किया जाएगा। यह समर्थन मूल्य और बोनस किसानों को उचित मूल्य पर उनके उत्पादन का लाभ दिलाने के लिए तय किया गया है।
किसानों से की गई अपील: बिचौलियों से बचें, लैंपस में ही करें धान की बिक्री
उपायुक्त मनीष कुमार ने सभी किसानों से अपील की है कि वे धान की बिक्री बिचौलियों के माध्यम से या खुले बाजार में न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम कीमत पर न करें। किसानों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने प्रखंड के निकटतम लैंपस केंद्रों पर ही धान की बिक्री करें। राज्य सरकार द्वारा घोषित MSP और बोनस का लाभ उठाकर उचित मूल्य पर अपने उत्पादन का विक्रय करें। इससे किसानों को उनके श्रम का पूरा मूल्य मिल सकेगा और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
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अधिकारियों को जागरूकता बढ़ाने के निर्देश
धान अधिप्राप्ति की प्रक्रिया को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं। जिला आपूर्ति पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी, और प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी को किसानों के बीच व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने के लिए कहा गया है। इसके अलावा, कृषक मित्रों को भी इस अभियान में सहयोग देने और किसानों को सही जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं।
किसानों के लिए लाभकारी योजना
धान अधिप्राप्ति योजना किसानों के लिए आर्थिक सुरक्षा का एक बड़ा माध्यम है। इस योजना के तहत किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य और बोनस का लाभ सुनिश्चित किया जा रहा है। इससे किसानों को उनके उत्पादन का उचित मूल्य मिलेगा और वे औने-पौने दाम पर धान बेचने से बच सकेंगे। सरकार द्वारा तय की गई यह प्रक्रिया कृषि क्षेत्र को मजबूत करने और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
धान अधिप्राप्ति प्रक्रिया का उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य किसानों को मूल्य स्थिरता प्रदान करना और बिचौलियों के शोषण से बचाना है। सरकारी अधिप्राप्ति केंद्रों के माध्यम से धान की खरीदारी सुनिश्चित की जा रही है, जिससे किसान सरकारी नीतियों का सीधा लाभ प्राप्त कर सकें। इसके अलावा, धान अधिप्राप्ति प्रक्रिया राज्य के खाद्यान्न भंडार को सुदृढ़ करने में भी सहायक सिद्ध होगी।
किसानों को गीत के माध्यम से सुझाव
धान की बिक्री खुले बाजार में न करें,
लैंपस पर ही अपना उत्पादन विक्रय करें।
अधिप्राप्ति केंद्रों पर पंजीकरण कराएं,
वहां की सुविधाओं का लाभ उठाएं।
कृषक भाईयों ध्यान से सुनिए,
सरकारी केंद्रों में धान बेचिए।
न्यूनतम समर्थन मूल्य पाएंगे,
साथ ही बोनस का लाभ उठाएंगे।
धान की बिक्री खुले बाजार में न करें,
लैंपस पर ही अपना उत्पादन विक्रय करें।
अधिप्राप्ति केंद्रों पर पंजीकरण कराएं,
वहां की सुविधाओं का लाभ उठाएं।
किसान भाई, अपना धान बेचो,
सरकारी योजना का लाभ उठाओ।
मूल्य सही मिलेगा, चिंता छोड़ो,
धन्य हो जाओ और समृद्धि पाओ।
धान की बिक्री खुले बाजार में न करें,
लैंपस पर ही अपना उत्पादन विक्रय करें।
अधिप्राप्ति केंद्रों पर पंजीकरण कराएं,
वहां की सुविधाओं का लाभ उठाएं।
इस योजना के माध्यम से सरकार का उद्देश्य किसानों को उनके उत्पादन का उचित मूल्य दिलाना और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है। धान अधिप्राप्ति प्रक्रिया से जुड़े सभी किसान इस योजना का अधिकतम लाभ उठाएं।