फाइलेरिया उन्मूलन के लिए पाकुड़ में चल रहा जागरूकता अभियान
पाकुड़ जिले में 10 फरवरी से 25 फरवरी तक मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य फाइलेरिया जैसी घातक बीमारी के उन्मूलन के लिए जन-जागरूकता बढ़ाना और लोगों को दवा सेवन के प्रति प्रेरित करना है। इस अभियान के तहत पात्र व्यक्तियों को घर-घर जाकर दवा सेवन कराया जा रहा है, ताकि जिले में इस बीमारी को पूरी तरह समाप्त किया जा सके।
नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जन-जागरूकता
फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को प्रभावी बनाने और अधिक से अधिक लोगों तक संदेश पहुंचाने के लिए जिला सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय, पाकुड़ द्वारा नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया जा रहा है। इस नुक्कड़ नाटक के जरिए न केवल फाइलेरिया से बचाव और उपचार की जानकारी दी जा रही है, बल्कि सरकार द्वारा चलाई जा रही जन-कल्याणकारी योजनाओं के बारे में भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
गांव-गांव पहुंचकर नुक्कड़ नाटक के जरिए जागरूकता अभियान
नुक्कड़ नाटक टीम ने अमड़ापाड़ा प्रखंड के अंबाडीहा एवं अमड़ापाड़ा संथाली, पाकुड़ प्रखंड के दादपुर एवं कालिदासपुर, तथा पाकुड़िया प्रखंड के खजूरडांगल एवं महुल पहाड़ी में लोगों को लोकगीतों एवं नाट्य प्रस्तुतियों के माध्यम से फाइलेरिया से बचाव के बारे में जानकारी दी। नुक्कड़ नाटक की टीम ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत सभी पात्र व्यक्तियों को उम्र और ऊंचाई के अनुसार दवा सेवन कराई जा रही है। हालांकि, गर्भवती महिलाएं, गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति एवं दो वर्ष से कम आयु के बच्चों को यह दवा नहीं दी जाएगी।
फाइलेरिया से बचाव के लिए अपनाने होंगे ये उपाय
नुक्कड़ नाटक के दौरान लोगों को यह भी बताया गया कि फाइलेरिया से बचाव के लिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। घरों और उनके आस-पास गंदगी जमा न होने दें, क्योंकि गंदगी में मच्छर पनपते हैं, जो इस बीमारी को फैलाते हैं। सोने से पहले मच्छरदानी का अनिवार्य रूप से उपयोग करें और एल्बेंडाजोल व डीईसी की गोली का निश्चित रूप से सेवन करें। नुक्कड़ नाटक टीम ने लोगों से अपील की कि वे स्वयं दवा का सेवन करें और अपने परिवार एवं अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें ताकि यह बीमारी जड़ से समाप्त हो सके।
सरकारी योजनाओं की भी दी गई जानकारी
फाइलेरिया जागरूकता के साथ-साथ नुक्कड़ नाटक टीम ने सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। इनमें स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, महिला सशक्तिकरण एवं सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं। लोगों को बताया गया कि वे इन योजनाओं का लाभ उठाकर अपने जीवन स्तर को सुधार सकते हैं।
फाइलेरिया मुक्त पाकुड़ बनाने की दिशा में बड़ा कदम
फाइलेरिया जैसी बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है। नुक्कड़ नाटक के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों तक सही जानकारी पहुंचाई जा रही है, जिससे वे इस अभियान में सक्रिय भागीदारी निभा सकें। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और प्रशासन की ओर से भी लोगों से अपील की जा रही है कि वे दवा का सेवन करें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें, ताकि पाकुड़ को फाइलेरिया मुक्त जिला बनाया जा सके।