पाकुड़, 3 जनवरी 2025: जिले में आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका के रिक्त पदों पर चयन प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए समाहरणालय सभागार में शुक्रवार को समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता उप विकास आयुक्त (डीडीसी) महेश कुमार संथालिया ने की।
पोषक क्षेत्र निर्धारण की अनिवार्यता
डीडीसी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि चयन प्रक्रिया शुरू करने से पहले यह सुनिश्चित किया जाए कि संबंधित पोषक क्षेत्र का सटीक निर्धारण हुआ है। उन्होंने कहा, “यदि पोषक क्षेत्र के निर्धारण में कोई चूक होती है, तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित सीडीपीओ की होगी।” चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने और सभी नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए।
चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता पर जोर
बैठक में डीडीसी ने कहा कि सेविका और सहायिका चयन में पारदर्शिता बनाए रखना प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि चयन के दौरान सभी आवश्यक दस्तावेजों की जांच करें और स्थानीय समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करें।
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समीक्षा का उद्देश्य और दिशा-निर्देश
बैठक का मुख्य उद्देश्य सेविका-सहायिका के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया में आ रही चुनौतियों को समझना और उनके समाधान के लिए दिशा-निर्देश देना था। इस दौरान डीडीसी ने कहा कि चयन प्रक्रिया में कोई भी अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी और नियमों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।
अधिकारियों की उपस्थिति और सहयोग
बैठक में कार्यपालक दंडाधिकारी विकास कुमार त्रिवेदी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी बसंती ग्लाडिस बाड़ा, लिट्टीपाड़ा बीडीओ संजय कुमार, सीडीपीओ, महिला पर्यवेक्षक समेत अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। सभी ने चयन प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए अपने सुझाव साझा किए।
यह बैठक सेविका-सहायिका चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। डीडीसी के निर्देशों के तहत पोषक क्षेत्र का सही निर्धारण और चयन प्रक्रिया की निगरानी सुनिश्चित की जाएगी, जिससे इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से बचा जा सके।