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गुलशन कश्यप, जमुई. द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक देवघर के रावणेश्वर धाम महादेव मंदिर के नाम पर जमुई में भी एक महादेव मंदिर है. ऐसी मान्यता है कि हर सोमवारी को जलाभिषेक करने पर भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और भक्तों की हर मनोकामना पूरी हो जाती है. देवघर में स्थापित रावणेश्वर ज्योतिर्लिंग का संबंध तो सीधा रावण से है. परंतु जमुई में खैरा बाजार के बीचो-बीच बने इस शिवालय का नाम रावणेश्वर क्यों पड़ा, इसकी एक अलग ही कहानी है.
क्यों पड़ा देवघर के नाम पर इस मंदिर का नाम
लोग इसे लेकर कई सारी मान्यताएं रखते हैं. 18 वीं सदी के आखिर और 19वीं सदी के शुरुआत में चंदेल वंश में एक राजा हुए. जिनका नाम रावणेश्वर सिंह था, उनके ही द्वारा 1925-26 के दौरान कई सारे मंदिरों का निर्माण कराया गया था. उन्हीं में से खैरा के इस महादेव मंदिर का निर्माण भी कराया गया था, जिस कारण इस शिवालय का नाम रावणेश्वर नाथ महादेव मंदिर पड़ गया और तब से लेकर आज तक लोग इस मंदिर को इसी नाम से जानते हैं.
देवघर के महादेव मंदिर से है संबंध
स्थानीय लोग इसका संबंध देवघर के महादेव मंदिर से भी जोड़ते हैं. हालांकि श्रावण मास में कांवर लेकर देवघर जाने वाले श्रद्धालुओं के बीच यह मंदिर काफी प्रचलित हो गया और लोग आते-जाते इस मंदिर में भी पूजा-अर्चना जरूर करते हैं. इधर श्रावण महीने को लेकर मंदिर में तैयारियां चल रही है और संभावना है कि इस बार भी लाखों की संख्या में शिव भक्त इस मंदिर में आकर जलाभिषेक करेंगे.
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FIRST PUBLISHED : June 30, 2023, 15:52 IST
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