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पटना. बिहार की सियासत में एकाएक तब हलचल होती दिखी जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को अचानक राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मिलने राजभवन पहुंच गए. नीतीश कुमार के राज्यपाल से मिलने का क्या उद्देश्य था यह स्पष्ट तौर पर सामने आया भी नहीं था कि भाजपा के सांसद व बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी भी राज्यपाल से मिलने पहुंच गए. इसके बाद तो अचानक ही सियासी गर्माहट दिखने लगी.
कुछ देर पहले नीतीश कुमार के राज्यपाल से मिलने के बाद अचानक सुशील मोदी का वहां पहुंच जाने से बिहार की राजनीतिक में अटकलबाजियां होने लगीं. राजनीतिक कयासबाजियों के बीच सीएम नीतीश कुमार और सुशील कुमार मोदी की राज्यपाल से अलग-अलग मुलाकात को औपचारिक बताया जाता रहा, लेकिन सियासी गर्माहट कम नहीं हुई.
दूसरी ओर सूत्रों के हवाले से खबर है कि बिहार विधान मंडल का मानसून सत्र 10 जुलाई से शुरू होने वाा है इसको लेकर ही सीएम नीतीश राज्यपाल से मिलने पहुंचे थे. उन्होंने राजभवन में राजेंद्र मंडपम के चल रहे निर्माण कार्यों का भी जायजा लिया. दरअसल, राजभवन में निर्माण कार्य का जिम्मा राज्य सरकार के हिस्से होता है.
वहीं, दूसरी अटकल यह भी है कि सीएम नीतीश राजभवन इसलिए गए क्योंकि वे जल्द ही कैबिनेट का विस्तार करने वाले हैं. बता दें कि पिछले दिनों विपक्षी एकता की बैठक के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिहार कैबिनेट में कांग्रेस के दो नेताओं को शामिल करने की बात कही थी. लेकिन, आगे आगे नीतीश कुमार और पीछे-पीछे सुशील मोदी के राजभवन पहुंचने से सियासी हलचल तो जरूर तेज होती दिख रही है.
गौरतलब है कि हाल ही में महागठबंधन से अलग होने की चिट्ठी सौंपने के लिए पूर्व सीएम जीतन राम मांझी राज्यपाल से मिलने पहुंचे थे. इस दौरान मांझी और राज्यपाल के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई थी. इसके चंद दिनों बाद ही जीतन राम मांझी ने पाला बदलते हुए अपनी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के एनडीए में जाने की घोषणा कर दी थी.
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Tags: Bihar NDA, Bihar News, Bihar politics, CM Nitish Kumar, Former CM Jitan Ram Manjhi, Sushil kumar modi
FIRST PUBLISHED : June 28, 2023, 13:30 IST
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