Friday, May 9, 2025
HomeSuccess Story:जहां से ली ट्रेनिंग, 8 साल बाद वहीं बने ट्रेनर, जानें...

Success Story:जहां से ली ट्रेनिंग, 8 साल बाद वहीं बने ट्रेनर, जानें पूरी कहानी

देश प्रहरी की खबरें अब Google news पर

क्लिक करें

[ad_1]

कुंदन कुमार/गया. आज हम आपको गया जिले के एक ऐसे सफल उद्यमी की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने वर्ष 2010 में जिस संस्थान से प्रशिक्षण लिया था, आज वहीं के प्रशिक्षक हैं. जी हां, हम बात कर रहे हैं गया के बेलागंज के रहनेवाले मनोज चौधरी की. दरअसल, वर्ष 2010 में गया के पीएनबी ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान से मनोज ने मोबाइल रिपेयरिंग का प्रशिक्षण लिया था. प्रशिक्षण लेने के बाद इन्होंने खुद का रोजगार शुरू किया और बेलागंज में मोबाइल रिपेयरिंग का शॉप खोला. मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान बहुत अच्छा चलने लगी. इन्हें अच्छी आमदनी होने लगी. तब इन्होंने अपने इस रोजगार को और फैलाया और दो मोबाइल रिपेयरिंग शॉप खोल दी.

वे बताते हैं कि वर्ष 2018 में ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान में मोबाइल रिपेयरिंग के टीओटी ट्रेनर के लिए वैकेंसी आई, तो उन्होंने अप्लाई कर दिया. एक परीक्षा पास करने के बाद इनका चयन ट्रेनर के लिए हो गया. मनोज अब पिछले पांच साल से गया के डेल्हा स्थित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान में मोबाइल रिपेयरिंग का प्रशिक्षण देते हैं और युवाओं को स्वरोजगार से जुड़ने के लिए प्रेरित करते हैं. मनोज गया के अलावा जहानाबाद, नवादा, औरंगाबाद और अरवल जिले में भी युवाओं को मोबाइल रिपेयरिंग का प्रशिक्षण देते हैं.

लोकल 18 से बात करते हुए मनोज चौधरी बताते हैं कि वर्ष 2010 में उन्होंने आरसेटी से मोबाइल रिपेयरिंग का प्रशिक्षण लिया और खुद की दुकान खोली. इससे उन्हें अच्छी आमदनी होने लगी.अब पिछले पांच साल से आरसेटी में ही ट्रेनर के तौर पर काम कर रहा हूं और युवाओं को प्रशिक्षण दे रहा हूं. इन्होंने बताया कि मोबाइल रिपेयरिंग में 30 दिनों का प्रशिक्षण होता है. प्रशिक्षण के बाद संस्थान से सर्टीफिकेट भी दिया जाता है. इच्छुक बेरोजगार युवक मोबाइल रिपेयरिंग शॉप खोलना चाहते हैं, तो आरसेटी से निःशुल्क में प्रशिक्षण लें.

.

FIRST PUBLISHED : July 29, 2023, 09:37 IST

[ad_2]

Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments