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एनसीपी की प्रमुख राजनीतिज्ञ सुप्रिया सुले 30 जून को अपना जन्मदिन मना रही हैं। वह एनसीपी प्रमुख शरद पवार की बेटी हैं। सुप्रिया सुले लगातार सातवीं बार उत्कृष्ट सांसद के तौर पर चुनी गई हैं।
राष्ट्रवादी कांग्रेस की प्रमुख राजनीतिज्ञ और बारामती की वर्तमान सासंद सुप्रिया सुले किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस प्रमुख शरद पवार की बेटी हैं। हालांकि यह उम्मीद भी जताई जाती है कि शरद पवार के इस्तीफे के बाद उनकी बेटी सुप्रिया एनसीपी की बागडोर को अपने हाथ में ले सकती हैं। लेकिन अभी वह इस जिम्मेदारी को नहीं लेना चाहती हैं। आज यानी की 30 जून को सुप्रिया सुले अपना 54वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रही हैं।
सुप्रिया सुले महाराष्ट्र की राजनीति के साथ राष्ट्रीय राजनीति के मुद्दों पर भी मुखर होकर अपनी प्रतिक्रिया देती हैं। इसके अलावा वह लगातार सातवीं बार उत्कृष्ट सांसद के तौर पर चुनी गई हैं। सुप्रिया की इस उपलब्धि पर शरद पवार ने भी उनकी तारीफ की थी। आइए जानते हैं उनके जन्मदिवन के मौके पर उनके जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में…
जन्म और शिक्षा
सुप्रिया सुले का जन्म 30 जून 1969 को पुणे (महाराष्ट्र) में हुआ। इनके पिता का नाम शरद पवार और माता का नाम प्रतिभा पवार है। उन्होंने अपनी शुरूआती शिक्षा पुणे के संत कोलंबस स्कूल से पूरी की। इसके बाद मुंबई से माइक्रोबायोलॉजी में बीएससी की पढ़ाई पूरी की। आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने कैलिफोर्निया का रुख किया। यहां से सुप्रिया ने यूसी बर्कले में वॉटर पॉल्यूशन पर पढ़ाई की। इसी दौरान उनकी मुलाकात सदानंद भालचंद्र से हुई। जो एक बिजनेसमैन है। सुप्रिया और सदानंद भालचंद्र ने 4 मार्च 1991 में शादी कर ली थी।
राजनीति में एंट्री
साल 2006 में राज्यसभा सांसद के रूप में सुप्रिया सुले ने सक्रिय राजनीति में कदम रखा था। वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार की बेटी सुप्रिया ने साल 2009 में बारामती लोकसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरी और जीत हासिल की। जिसके बाद साल 2009 में ही सुप्रिया सुले को विदेशी मामलों की समिति, ग्रामीण विकास समिति का सदस्य घोषित किया गया। इसके बाद साल 2014, 2019 में भी इसी सीट से जीत हासिल की। वर्तमान समय में सुप्रिया ने अपनी राजनीतिक छवि को मजबूत करते हुए महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा मुकाम हासिल कर लिया है।
कन्या भ्रूण हत्या
साल 2014 में उनको विदेश मंत्रालय, वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय, परामर्शदात्री समिति और भारतीय संसदीय समूह की कार्यकारी समिति का स्थायी सदस्य बनाया गया। बता दें कि साल 2011 में सुप्रिया ने कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ राज्यव्यापी अभियान की शुरूआत की थी। इस दौरान उनके द्वारा पदयात्रा निकाली गई थी। जिसे लेकर सुप्रिया काफी चर्चाओं में रही थीं।
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