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सांगवान ने कहा, ‘बर्खास्तगी क्यों हुई? एक दबाव बनता है और आप उसके बोझ तले दब जाते हैं। आप (अनएकेडमी) उस दबाव को झेल नहीं पाये। इसलिए, दबाव में आपको एक ऐसा कदम उठाना पड़ा जो शायद आप नहीं चाहते थे या आप चाहते थे…मुझे नहीं पता। मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकता कि आपके इरादे क्या थे?’
नयी दिल्ली। ‘अनएकेडमी’ के बर्खास्त शिक्षक करण सांगवान ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने सोशल मीडिया पर ‘ट्रोलर्स’ के दबाव में उनकी सेवा समाप्त कर दी, जिन्होंने शिक्षित उम्मीदवारों को वोट देने की उनकी सामान्य टिप्पणी का गलत मतलब निकाला। अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो में सांगवान ने शनिवार को कहा कि उन्होंने ‘अनएकेडमी’ में अपने व्याख्यान के दौरान नहीं, बल्कि अपने चैनल पर सामान्य टिप्पणी की थी। सांगवान ने कहा, ‘‘बर्खास्तगी क्यों हुई? एक दबाव बनता है और आप उसके बोझ तले दब जाते हैं। आप (अनएकेडमी) उस दबाव को झेल नहीं पाये। इसलिए, दबाव में आपको एक ऐसा कदम उठाना पड़ा जो शायद आप नहीं चाहते थे या आप चाहते थे…मुझे नहीं पता। मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकता कि आपके इरादे क्या थे?’’
सांगवान ने दावा किया कि ‘अनएकेडमी’ ने उनकी बात सुने बिना उनके खिलाफ कार्रवाई की। उन्होंने कहा, ‘‘आपने मुझे सीधे बर्खास्तगी का नोटिस भेज दिया।’’ सांगवान ने कहा कि दबाव को छिपाने के लिए अनएकेडमी ने ‘‘आचार संहिता’’ शब्द का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि ‘अनएकेडमी’ ने बर्खास्तगी नोटिस में उदाहरण के तौर पर एक ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट द्वारा व्यक्त किए गए विचारों का हवाला दिया है। सांगवान ने कहा, ‘‘किसी और के विचार मुझ पर थोपे गए।’’ उन्होंने कहा कि 13 अगस्त को उनका वीडियो वायरल होने के बाद ‘‘अनपढ़ दिखने वाले ट्रोलर्स’’ द्वारा उन्हें अपशब्द कहे गए, राष्ट्र-विरोधी कहा गया और जान से मारने की धमकियां दी गईं। ‘अनएकेडमी’ के सह-संस्थापक रोमन सैनी का कहना है कि सांगवान ने अनुबंध का उल्लंघन किया है इसलिए कंपनी को उनका साथ छोड़ना पड़ा। सैनी ने इस संबंध में 17 अगस्त को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा है कि ‘अनएकेडमी’ एक शिक्षण प्लेटफॉर्म है जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए समर्पित है।
सैनी ने कहा, ‘‘ऐसा करने के लिए हमारे पास सभी शिक्षकों के लिए कड़ी ‘आचार संहिता’ है जिसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हमारे विद्यार्थियों को बिना किसी भेद-भाव के ज्ञान प्राप्त हो। हम जो कुछ भी करते हैं, अपने विद्यार्थियों को केन्द्र में रखते हुए करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कक्षा ऐसी जगह नहीं है जहां आप व्यक्तिगत विचार साझा करें क्योंकि यह उन्हें (विद्यार्थियों को) नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। वर्तमान स्थिति में, हमें मजबूरन करण सांगवान का साथ छोड़ना पड़ा क्योंकि उन्होंने आचार संहिता का उल्लंघन किया था।’’ कई नेताओं ने ‘अनएकेडमी’ की कार्रवाई पर सवाल उठाया और पूछा कि क्या एक शिक्षित उम्मीदवार को वोट देने की सांगवान की अपील गलत थी। सांगवान ने कहा नौकरी से निकाले जाने की जानकारी सामने आने के बाद लोगों ने उनका समर्थन किया, लेकिन फिर भी ‘अनएकेडमी’ से किसी ने उनसे संपर्क नहीं किया। सांगवान जिस विवादित वीडियो का जिक्र कर रहे हैं, उसमें वह छात्रों से अगली बार शिक्षित उम्मीदवारों को वोट देने की अपील कर रहे हैं।
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