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सदन के गठन के साथ ही लोगों के मत से प्रतिनिधि चुने गए। पहली कांग्रेस 4 मार्च 1789 को बुलाई गई और सदन ने अपना उद्घाटन सत्र 1 अप्रैल 1789 से शुरू किया।
पीएम मोदी 21 जून से 24 जून तक संयुक्त राज्य अमेरिका की राजकीय यात्रा पर हैं। पीएम मोदी ने अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को आज संबोधित किया। अमेरिकी कांग्रेस जिसे हाउस भी कहा जाता है। इसका इतिहास 200 साल से भी कहीं पुराना है। संविधान के जनक और प्रारंभिक कांग्रेस में सदन के सबसे महत्वपूर्ण राजनेता जेम्स मैडसन का मानना था कि सदन के प्रति लोगों पर तत्काल निर्भरता और उसके साथ गहरी निष्ठा होना जरूरी है। इसके लिए 1789 में अमेरिकी सदन की आधारशिला रखी गयी।
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दोनों सदनों को कानून बनाने का अधिकार
सदन के गठन के साथ ही लोगों के मत से प्रतिनिधि चुने गए। पहली कांग्रेस 4 मार्च 1789 को बुलाई गई और सदन ने अपना उद्घाटन सत्र 1 अप्रैल 1789 से शुरू किया। उस समय न्यूयॉर्क शहर में इसको आयोजित किया गया था। अमेरिकी संसद को 2 सदनों के द्वारा संचालित किया जाता है। संसद के एक सदन को संघीय सभा यानी सीनेट कहा जाता है। दूसरा सदन जिसे प्रतिनिधि सभा यानी हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव कहा जाता है। सीनेट अमेरिका का ऊपरी सदन है। हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव निचला सदन है। हालांकि दोनों ही हाउस के पास कानून बनाने और पारित करने का अधिकार है। लेकिन उनकी सरंचना, शक्ति और भूमिका में काफी ज्यादा फर्क है।
भारत के किन किन प्रधानमंत्रियों ने कांग्रेस को किया संबोधित
जवाहर लाल नेहरू ने 13 अक्टूबर 1949 को कांग्रेस को संबोधित किया।
13 जून 1985 को राजीव गांधी और 18 मई 1994 को पीवी नरसिम्हा राव ने अपना संबोधन दिया।
14 सितंबर 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी ने दोनों सदनों को संबोधित किया था।
19 जुलाई 2005 को डॉ मनमोहन सिंह ने संबोधित किया था।
9 जून, 2016 को पीएम मोदी ने अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित किया था।
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