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गुलशन सिंह/बक्सर: जिला के राजपुर प्रखंड के अंतर्गत नागपुर गांव के साधारण परिवार का बेटा विकास अपने वैज्ञानिक सोच से नित नए खोज कर रहा है. जिसके चलते विकास जिले भर में चर्चा का केंद्र बना हुआ है. यही नहीं विकास ने छोटी सी उम्र में वो कर दिखाया है, जिसे करने के लिए लोगों को कई जतन करने पड़ते हैं. अब तक उसने ऐसी- ऐसी चीजों को बनाया है कि आप जानकर हैरान हो जाएंगे. आइए जानते हैं छोटे से विकास के बड़े -बड़े कारनामें के बारे में. विकास के पिता चन्द्रजीत कुशवाहा राजमिस्त्री का काम करते हैं. वही विकास सरकारी विद्यालय में कक्षा 9वीं का छात्र है.वह महज 15 वर्ष की उम्र में जुगाड़ तकनीक के सहारे प्लास्टिक के कचरे से पेट्रोल बना कर खूब सुर्खियां बटोर रहा है.
इसके अलावा विकास अन्य कई प्रोजेक्ट पर भी कम कर रहा है. इसके पहले उसने गूगल कंट्रोल मशीन भी बनाई थी. जिसके माध्यम से घर के पंखे,लाइट,टीवी इत्यादि कही से भी ऑन या ऑफ किए जा सकते है. साथ ही उसने हेड मसाज मशीन भी जुगाड़ के सहारे केवल 200 रुपए के खर्च में बनाया है. विकास का कहना है कि- फिलहाल वह बाइक सेफ्टी तकनीक की अविष्कार में जुटा हुआ है.
कमांडेंट से मिला हरसंभव मदद का आश्वासन
विकास की प्रतिभा की चर्चा होने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस में बतौर कमांडेंट के पद पर तैनात वीके सिंह तथा लोक गायिका संजू सिंह विकास के कारनामे देखने उसके घर पहुंचे. जहां विकास को फूलों का गुलदस्ता तथा मोमेंटो देकर हौसला बढ़ाया.वहीं विकास ने प्रैक्टिकल कर अपने अविष्कारों को दिखाकर सबको चौंका दिया. इस दौरान कमांडेंट वीके सिंह ने बताया कि छुट्टी में जब घर पहुंचे तो विकास के बारे में सुना. जिसके बाद उन्होंने नन्हें वैज्ञानिक से मिलने का मन बनाया. उन्होंने बताया कि-प्रतिभा किसी संसाधन का मोहताज नहीं होती है, इसे राजमिस्त्री के बेटे विकास ने साबित कर दिखाया है. उन्होंने बताया कि विकास बेशक साधारण परिवार से आता है, लेकिन इसके अंदर छिपी हुई प्रतिभा जिला ही नहीं बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित करेगा. वहीं लोक गायिका संजू सिंह ने बताया कि उन्हें पता चला कि संसाधन के अभाव में विकास अपने आस-पास के लोगों से लैपटॉप इत्यादि मांग कर डिवाइसों को बनाया करता है. इस कार्य को लेकर विकास को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में विकास को आगे बढ़ाने में हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया गया है.
विकास को सरकार से मदद की है आस
विकास ने बताया है कि-यदि सरकार पढ़ाई में मदद करती है तो वह निश्चित तौर पर देश के लिए नए-नए अविष्कार कर विज्ञान को और आगे बढ़ाने में सहयोगी बन सकते हैं. विकास ने बताया कि जब वह आठवीं कक्षा में पढ़ रहा था उस समय किताब में एक टॉपिक दिया गया था कि कोयला से कोलतार कैसे बनाया जाता है. इसी के बाद उसके दिमाग में यह आइडिया आया जिसके बाद प्लास्टिक से पेट्रोल बनाने के लिए घर पर प्रयास शुरू कर दिया. विकास ने बताया कि उसने पढ़ा था कि पेट्रोलियम से ही प्लास्टिक बनता है. जब पेट्रोलियम पर शोध किया जाता है तो डीजल, पेट्रोल, किरोशन निकलने के बाद नीचे के अवशेष नेप्टा से केमिकल ब्लीचिंग कर के हीं प्लास्टिक बनाया जाता है.
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Tags: Bihar News, Buxar news, Local18
FIRST PUBLISHED : June 25, 2023, 16:45 IST
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