Saturday, September 21, 2024
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लोक अदालत में 21 वादों का हुआ निष्पादन: सुलह से हुआ 34,800 रुपये का समझौता

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पाकुड़। झालसा रांची के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ के तत्वावधान में आज पाकुड़ व्यवहार न्यायालय में मासिक लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया। इस विशेष अवसर पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़, शेष नाथ सिंह की अध्यक्षता में लोक अदालत का संचालन हुआ।

मासिक लोक अदालत के आयोजन का उद्देश्य, लंबित मामलों का त्वरित समाधान और न्यायालयों के बोझ को कम करना है। इस लोक अदालत में कुल आठ बेंचों का गठन किया गया था, जिसमें विभिन्न मामलों को सुलझाने के लिए अनुभवी न्यायाधीश और कानूनी विशेषज्ञ शामिल थे।

आज की लोक अदालत में कुल 21 मामलों का सुलह-समझौता के आधार पर निपटारा किया गया, जिससे न्यायालय में लंबित मामलों में कमी आई। इन मामलों के निपटारे से न केवल वादी और प्रतिवादी पक्षों को राहत मिली, बल्कि न्यायालय पर पड़ने वाले बोझ में भी कमी आई। न्यायालय की इस पहल से आम जनता को कानूनी सहायता प्राप्त करने और उनके विवादों को सुलझाने का एक प्रभावी माध्यम उपलब्ध हुआ।

लोक अदालत में जिन मामलों का निपटारा किया गया, उनमें मुख्यतः छोटे-मोटे विवाद, दीवानी मामले, पारिवारिक विवाद, वाहन दुर्घटना मुआवजा, और बैंक ऋण संबंधित विवाद शामिल थे। कुल 34,800 रुपये के समझौते के माध्यम से आर्थिक मामलों का निपटारा किया गया, जिससे दोनों पक्षों को संतोषजनक समाधान प्राप्त हुआ।

प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेष नाथ सिंह ने इस अवसर पर कहा कि लोक अदालत का आयोजन जनता को त्वरित और प्रभावी न्याय दिलाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। उन्होंने बताया कि लोक अदालत के माध्यम से मामलों का सुलह-समझौता शीघ्रता से हो जाता है, जिससे दोनों पक्ष संतुष्ट होते हैं।

इस अवसर पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शिल्पा मुर्मू, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विशाल मांझी, सचिव अजय कुमार गुड़िया, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सादिश उज्जवल बेक, और प्रभारी न्यायाधीश विजय कुमार दास भी उपस्थित थे। इन सभी अधिकारियों ने न्यायालय की इस पहल को सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

लोक अदालत के दौरान वादी और प्रतिवादी दोनों पक्षों की उपस्थिति और उनके बीच हुए सुलह-समझौते को देखकर न्यायालय के अधिकारी संतुष्ट दिखे। इस प्रकार के आयोजनों से न केवल न्यायिक प्रणाली को मजबूती मिलती है, बल्कि जनता का भी न्यायिक व्यवस्था पर विश्वास बढ़ता है।

पाकुड़ व्यवहार न्यायालय में आयोजित इस मासिक लोक अदालत का सफल समापन हुआ, जिसमें सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के सहयोग से मामलों का त्वरित और प्रभावी निपटारा किया गया। इस पहल ने यह साबित कर दिया कि लोक अदालतें न्यायालयों के बोझ को कम करने और न्याय को सुलभ बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

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