Wednesday, June 11, 2025
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पश्चिम चंपारण जिले में किए जाएंगे 16 लाख 62 हजार पौधों का रोपण

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आशीष कुमार/पश्चिम चम्पारण. बिहार में फॉरेस्ट की बात हो और पश्चिम चम्पारण जिले का जिक्र न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता है.अब तो यह जिला अर्बन फॉरेस्ट बनने की दिशा में भी बढ़ चला है. हाल ही में संपन्न हुए 74वें वन महोत्सव समारोह में जिले में वन विभाग, मनरेगा और जीविका दीदियों की मदद से 16 लाख 62 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है.

खास बात यह है कि राज्य का सबसे बड़ा जिला पश्चिम चम्पारण पहले से घने जंगलो व जैव विविधताओं के लिए जाना जाता है. ऐसे में इस प्रकार के लक्ष्य की सफलता, शहर को अर्बन फॉरेस्ट बनाने तथा भीषण गर्मी में भी तापमान को पहले की तुलना में 2 से 3 डिग्री तक कम रख सकता है. ऐसा हम नहीं, बल्कि पर्यावरणविदों का कहना है.

अर्बन फॉरेस्ट का कॉन्सेप्ट हो सकता है पूरा

महाराष्ट्र के नागपुर में कार्यशील ग्रीन विजिल फाउंडेशन के प्रमुख कौस्तभ चटर्जी एक दशक से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम कर रहे हैं. इस कार्य के लिए उन्हें राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जा चुका है. वे बताते हैं कि यदि (16 लाख 62 हजार) बड़ी मात्रा में रोपे गए पौधों का संरक्षण सफल होता है तथा पौधे बड़े हो जाते हैंतो फिर कोई भी शहर अर्बन फॉरेस्ट बनने की दिशा में आगे बढ़ सकता है. ध्यान देने वाली बात यह है कि प्लांटेशन का कार्य बिना पेड़ों की कटाई के लगातार जारी रहना चाहिएतथा पौधे, पेड़ में तब्दील हो जाने चाहिए. इससेबढ़ते तापमान में पहले की तुलना में 2 से 3 डिग्री तक की गिरावट हो सकती है.

कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा घटने से कम होगा तापमान

वात्सल्य एनजीओ के सेक्रेटरी पर्यावरणविद प्रसाद गुरुदत्त मणिश्वर का कहना है कि इसमें कोई शक नहीं है कि यदि 16 लाख 63 हजार पौधे का यदि सफलतापूर्वक विकास हो जाता है, तो फिर तापमान में गिरावट देखी जा सकती है. बकौल गुरुदत्त, पेड़-पौधे जितने अधिक होंगे, पर्यावरण में ऑक्सीजन उतना ही बढ़ेगा तथा कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा घटेगी. इससे गर्मियों में बढ़ते तापमान में राहत मिल सकती है.

Tags: Bihar News, Champaran news, Local18

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