Tuesday, December 3, 2024
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सूर्य उपासना के महापर्व छठ की शुरुआत: नहाय-खाय के साथ भक्ति में डूबा माहौल

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पाकुड़। सूर्य उपासना का महापर्व छठ नहाय-खाय के साथ जिलेभर में हर्षोल्लास के साथ प्रारंभ हो गया है। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में छठ पर्व की धूम मची हुई है। छठ पर्व की पवित्रता और महत्ता को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और सभी व्यवस्थाओं को सुनिश्चित कर रहा है। खरना के दिन से ही लोगों ने बड़े उत्साह के साथ छठ पूजा की तैयारियों में जुट गए हैं, और साथ ही त्योहार के लिए विशेष खरीदारी भी शुरू हो गई है। छठ मैया के गीतों से घर और सड़कों पर वातावरण भक्तिमय हो गया है, जिससे श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता है।

पूजन सामग्रियों की खरीदारी जोरों पर
छठ पर्व के लिए लोग विशेष सामग्रियों की खरीदारी में जुट गए हैं। बाजारों में फल, टोकरी, सूप और अन्य पूजन सामग्रियों की दुकानों की रौनक बढ़ गई है। श्रद्धालु बड़े टोकरी, डाला, सूप, नारियल जैसी सामग्रियों की खरीद कर रहे हैं। परंपरागत रूप से धोया हुआ शुद्ध गेहूं पिसवाने की तैयारी भी हो रही है, जिससे पूजा के प्रसाद के लिए आटा तैयार किया जा सके। डाभ, नींबू, सुपाड़ी और गोटा सामानों की खरीदारी भी जोर-शोर से चल रही है। कुछ लोग पारंपरिक टोकरी के बदले पीतल के कटोरे और पीतल के सूप भी खरीद रहे हैं। छठ पर्व के चलते फल और सब्जियों की कीमतें बढ़ गई हैं, जैसे कद्दू 70-80 रुपये प्रति पीस, नारियल 50-60 रुपये और डाला 300-500 रुपये तक बिक रहे हैं।

घाटों की साफ-सफाई और सजावट का अंतिम दौर
शहरी क्षेत्रों में नगर परिषद द्वारा छठ पूजा के लिए घाटों की साफ-सफाई और सजावट का कार्य पूरा किया जा रहा है। पूजा समितियों ने भी अपने स्तर पर घाटों की सफाई और सजावट में सहयोग दिया है। शहर के प्रमुख छठ घाटों, जैसे काली भाषण पोखर, टीनबांग्ला पोखर, कॉलेज रोड अकाडी पोखर, तलवाडंगा स्थित भट्टा पोखर, ठाकुर बाड़ी, शिव शीतला मंदिर, सिंधी पड़ा, रेलवे कॉलोनी, तांती पाड़ा, कलिकापुर, शहर कोल, बागती पाड़ा, और साधुपोखर आदि की साफ-सफाई अब अंतिम दौर में है।

विशेष विद्युत सज्जा और तोरण द्वार की रचना
पूरे शहर को छठ पर्व के स्वागत के लिए विशेष विद्युत सज्जा से सजाया गया है। घाटों के आसपास आकर्षक प्रवेश द्वार और तोरण द्वार बनाए गए हैं, जिससे श्रद्धालुओं को पूजा के लिए एक भव्य और पवित्र माहौल मिल सके। काली भाषण पोखर में आतिशबाजी की भी विशेष व्यवस्था की गई है, जो श्रद्धालुओं के लिए एक आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। इसके साथ ही छठ घाटों से लेकर मुख्य सड़कों तक लाइटिंग की व्यवस्था की गई है, ताकि श्रद्धालु सुरक्षित और सरलता से पूजा में सम्मिलित हो सकें।

महिलाओं में बढ़ा उत्साह
छठ पर्व का उत्साह महिलाओं में विशेष रूप से देखने को मिल रहा है। खरना के दिन कई महिलाएं गंगा स्नान कर पूजा का आरंभ करेंगी। यह दिन छठ व्रत के महत्वपूर्ण चरणों में से एक है, जिसमें श्रद्धालु दिनभर का व्रत रखकर सूर्यास्त के समय प्रसाद ग्रहण करते हैं। इसके बाद अगले दो दिन तक व्रत रखा जाता है और उदयमान सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा का समापन होता है।

प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था और निर्देश
जिला प्रशासन ने छठ पर्व के दौरान शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने के लिए विशेष सुरक्षा उपाय किए हैं। प्रशासन की ओर से घाटों पर डीजे बजाने पर रोक लगाई गई है, ताकि पूजा स्थल पर किसी प्रकार की अशांति न फैले और श्रद्धालु शांति से अपने आराध्य सूर्यदेव की उपासना कर सकें। प्रशासन ने सभी जिलेवासियों से भी आग्रह किया है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से छठ पर्व को मनाएं और प्रशासन द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करें।

छठ पर्व का यह माहौल पूरे पाकुड़ जिले में भक्तिमय और उल्लासपूर्ण बना हुआ है। हर ओर छठ मैया के गीतों की गूंज, सजावट और पूजा की तैयारियों के बीच जिले में अद्वितीय उत्साह का अनुभव किया जा सकता है। इस महापर्व के माध्यम से श्रद्धालु सूर्यदेव और छठी मैया से अपनी प्रार्थनाएं करते हैं, जो उनके जीवन में समृद्धि, सुख और स्वास्थ्य का आशीर्वाद लेकर आता है।

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