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वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे (सेवानिवृत्त) ने भारत-अमेरिका प्रीडेटर ड्रोन सौदे पर बात करते हुए कहा कि नहीं, मुझे नहीं लगता कि किसी भी गलत काम की कोई गुंजाइश है। यह एक ऐसी तकनीक है जिसकी हमें जरूरत है।
भारतीय नौसेना के पूर्व उप प्रमुख वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे (सेवानिवृत्त) ने भारत-अमेरिका प्रीडेटर ड्रोन सौदे पर बात की है। उन्होंने बताया कि यह सशस्त्र बलों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण सौदा है क्योंकि यह खुफिया, निगरानी और टोही क्षमता प्रदान करता है… हम हिंद महासागर क्षेत्र के व्यापक विस्तार और हमारे उत्तरी और पश्चिमी पड़ोसियों के साथ सीमाओं को भी कवर करने में सक्षम हैं। वह आगे कहते हैं कि कीमत तय नहीं की गई है। मुझे लगता है कि कीमत को लेकर अटकलें चल रही हैं, जिसे अलग रखा जाना चाहिए। जो भी किया जाएगा, राष्ट्रीय हित में किया जाएगा।
वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे (सेवानिवृत्त) ने भारत-अमेरिका प्रीडेटर ड्रोन सौदे पर बात करते हुए कहा कि नहीं, मुझे नहीं लगता कि किसी भी गलत काम की कोई गुंजाइश है। यह एक ऐसी तकनीक है जिसकी हमें जरूरत है। एक प्रक्रिया है जिसका पालन किया जा रहा है जिसके लिए जांच और संतुलन अंतर्निहित हैं जो यह सुनिश्चित करेंगे कि यह एक होगा।”राष्ट्रीय हित में सौदा… हम वर्तमान में जो खरीद रहे हैं वह तीनों सेवाओं की न्यूनतम परिचालन आवश्यकता है जो वर्तमान आवश्यकता को पूरा करेगी। भविष्य में, लक्ष्य इसे स्वदेशी रूप से बनाना है।
अमेरिका से ड्रोन के लिए तीन अरब डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर
भारत और अमेरिका ने 31 ‘हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस’ (हेल) ड्रोन के लिए तीन अरब डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर किये हैं, जिनमें से नौसेना को 15 ‘सीगार्जियन’ ड्रोन मिलेंगे, जबकि थलसेना और भारतीय वायुसेना को आठ-आठ भूमि संस्करण वाले ड्रोन ‘स्काईगार्जियन’ प्राप्त होंगे। मोदी की यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका के बीच जेट इंजन एफ414 के संयुक्त निर्माण के लिए जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) और हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के बीच भी समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर हुए हैं, जो भारतीय वायुसेना की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण हैं।
कांग्रेस ने उठाए थे सवाल
कांग्रेस ने करोड़ों रुपये के भारत-अमेरिका ड्रोन सौदे में पूरी पारदर्शिता की बुधवार को मांग की और आरोप लगाया कि 31 एमक्यू-9बी प्रीडेटर यूएवी ड्रोन ऊंची कीमत पर खरीदे जा रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है और प्रीडेटर ड्रोन सौदे पर कई संदेह उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार राष्ट्रीय हितों को खतरे में डालने के लिए जानी जाती है और भारत के लोगों ने राफेल सौदे में भी यही देखा है, जहां मोदी सरकार ने 126 के बजाय केवल 36 राफेल जेट खरीदे। हमने यह भी देखा कि कैसे एचएएल को प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण से वंचित कर दिया गया।
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