विशेष मध्यस्थता अभियान 17 से 21 मार्च तक आयोजित
झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) रांची के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पाकुड़ के तत्वावधान में 17 मार्च सोमवार से 21 मार्च 2025 तक विशेष मध्यस्थता अभियान आयोजित किया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य पारिवारिक मामलों का त्वरित समाधान कराना और आपसी समझौते के माध्यम से न्याय सुनिश्चित करना है। अभियान को सफल बनाने के लिए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पाकुड़ शेष नाथ सिंह की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
दीप प्रज्वलन कर हुआ अभियान का शुभारंभ
इस विशेष अभियान का उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेष नाथ सिंह, प्रधान न्यायाधीश, कुटुंब न्यायालय सुधांशु कुमार शशि, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार अजय कुमार गुड़िया, लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के चीफ सुबोध कुमार दफादर और मेडिएटर अधिवक्ता समीर कुमार मिश्रा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं और संबंधित पक्षकारों की उपस्थिति रही।
अधिक से अधिक मामलों के निपटारे पर जोर
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेष नाथ सिंह ने बताया कि इस विशेष अभियान के तहत अधिक से अधिक पारिवारिक और सुलहनीय मामलों का त्वरित निपटारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मध्यस्थता (मेडिएशन) का मुख्य उद्देश्य विवादों का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालना और पक्षकारों को न्यायालय के बाहर समाधान का अवसर देना है। इस पहल से न केवल मामलों का शीघ्र निपटारा होगा, बल्कि पक्षकारों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध भी बनाए रखे जा सकेंगे।
मध्यस्थता प्रक्रिया के महत्व पर प्रकाश
इस अवसर पर उपस्थित न्यायिक अधिकारियों और मेडिएटर अधिवक्ताओं को मध्यस्थता प्रक्रिया की कार्यप्रणाली और उसके महत्व पर विस्तृत जानकारी दी गई। बताया गया कि यह प्रक्रिया न्यायिक व्यवस्था पर बढ़ते बोझ को कम करने में सहायक है और इससे लंबित मामलों का शीघ्र निपटारा संभव हो सकेगा।
मेडिएटरों को दिए गए आवश्यक निर्देश
कार्यक्रम के दौरान सभी मेडिएटर अधिवक्ताओं को विशेष दिशा-निर्देश दिए गए। उन्हें समझाया गया कि किस प्रकार विवादों को मैत्रीपूर्ण तरीके से सुलझाया जा सकता है और पक्षकारों को आपसी सहमति से समाधान के लिए प्रेरित किया जा सकता है। सभी मेडिएटरों से अनुरोध किया गया कि वे अपने अनुभव और कानूनी समझ का उपयोग करते हुए अधिक से अधिक मामलों का निपटारा कर अभियान को सफल बनाएं।
बड़ी संख्या में न्यायिक अधिकारी, अधिवक्ता और पक्षकार हुए शामिल
इस महत्वपूर्ण अभियान में न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं, मेडिएटरों और वादी-प्रतिवादियों की बड़ी संख्या में उपस्थिति देखी गई। सभी ने इस पहल की सराहना की और इसे न्यायिक प्रक्रिया को सुगम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
संवाद और सहयोग से होगा न्यायिक व्यवस्था का सशक्तिकरण
इस अभियान के माध्यम से न्यायालय का उद्देश्य केवल मामलों का निपटारा करना नहीं, बल्कि समाज में आपसी समझ और सौहार्द को भी बढ़ावा देना है। संवाद और सहयोग के माध्यम से विवादों को समाप्त कर न्याय की एक नई दिशा दी जा सकती है।
विशेष मध्यस्थता अभियान न्यायिक व्यवस्था को सुलभ और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल विवादों को कम करेगा, बल्कि लंबे समय से लंबित मामलों के समाधान को भी गति देगा। न्यायिक अधिकारियों की यह पहल समाज में न्याय और शांति स्थापित करने में अहम भूमिका निभाएगी।