उपरोक्त बातें झारखंड बचाओ मोर्चा के वरिष्ठ नेता सह झारखंडी सूचना अधिकार मंच के केंद्रीय अध्यक्ष विजय शंकर नायक ने कांग्रेसी सांसद धीरज साहू के यहां आयकर विभाग के द्वारा रेड किए जाने एवं 500 करोड़ रूपया पकड़े पर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अपनी प्रतिक्रिया में उक्त बातें आज कही है।
इन्होंने यह भी कहा कि आज अगर ईमानदारी से आयकर विभाग सभी पार्टियों के सांसद, विधायकों, मंत्रीयों नौकरशाहो कि अगर ईमानदारी पूर्वक जांच हो जाए तो हजारों-हजार करोड़ रूपया पकड़े जाएंगे जिससे कि झारखंड के जितने कर्ज बकाया हैं सभी कर्ज से मुक्त हो जाएगा झारखंड।
श्री नायक ने आगे कहा की झारखंड में नौकरशाह और नेताओं ने झारखंड में लूट मचाये हुए हुए हैं जिससे कि झारखंड का नाम राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कलंकित होने का काम हो रहा है इससे पूर्व भी आइ. ए. एस. पूजा सिंघल के यहां करीब 28 करोड़ रूपया नगद पकड़ा गया था। अब सांसद के यहां 500 करोड़ से अधिक रुपया पकड़ा जाना इस बात को साबित करता है की झारखंड को कुछ लोग लुटखंड में तब्दील कर चुके हैं। एक तरफ राज्य की जनता बुनियादी आवश्यकताओं से मरहूम है लोगों को शुद्ध पेयजल नसीब नहीं है, लोगों को स्वास्थ्य सेवा का अभाव है, लोगों को सड़क का अभाव है, सड़क के अभाव में हमारी माता बहन दम तोड़ने पर मजबूर है, हमारी माता बहनें प्रोटीन के अभाव में 70% खून की कमी एनीमिया रोग से ग्रसित है। हमारे आने वाली पीढ़ियां बच्चे कुपोषित हैं और दूसरी ओर झारखंड को कुछ तथा कथित नेता मंत्री विधायक अफसरशाह के गंठजोड़ ने झारखंड को बर्बाद करने का काम किया है।
श्री नायक ने यह भी कहा कि आयकर एवं प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा सिर्फ और सिर्फ विपक्षी पार्टी के नेताओं को ही परेशान करने का काम कर रही है। सत्ताधारी दल के नेताओं को या भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को छूने का प्रयास भी नहीं कर रही है। जिससे ऐसा प्रतीत होता है की सिर्फ भाजपा के ही नेता शुद्ध रूप से भ्रष्टाचार मुक्त एवं ईमानदार हैं और दूसरी पार्टियों के सभी लोग भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। जो गंभीर विषय है और आक्रोश का विषय भी है। आयकर विभाग एवं प्रवर्तन निदेशालय एक आंख में काजल एक आंख में सुरमा नहीं लगाने का काम करें और ईमानदारी पूर्वक सभी झारखंड के सांसद विधायक मंत्री एवं नौकरशाहों की चल अचल संपत्ति को खंगालने का काम करें तभी सीबीआई, ईडी एवं प्रवर्तन निदेशालय इन आरोपों से मुक्त हो सकता है। अन्यथा उनकी कार्रवाई को एक पक्षीय कारवाई भेदभाव वाली कारवाई मानी जाएगी।