पाकुड़। जिले में पशुपालन और गव्य विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। शनिवार को उपायुक्त मनीष कुमार ने इस बैठक की अध्यक्षता करते हुए विभागीय कार्यों की गहन समीक्षा की। बैठक का मुख्य उद्देश्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन, पशुपालन से जुड़े किसानों को अधिक लाभ पहुंचाने और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने से संबंधित था।
मुख्य योजनाओं की हुई गहन समीक्षा
बैठक के दौरान कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम, राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय डिजिटल पशुधन मिशन और मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना की विस्तारपूर्वक समीक्षा की गई। उपायुक्त ने इन योजनाओं को गति देने और पारदर्शिता बनाए रखने के निर्देश दिए।
कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम को बढ़ाने पर जोर
उपायुक्त ने राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम को तेज करने पर विशेष बल दिया। उन्होंने नए कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ताओं के चयन और प्रशिक्षण को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया। इसके साथ ही, हर महीने न्यूनतम 5000 कृत्रिम गर्भाधान का लक्ष्य हासिल करने के निर्देश भी दिए गए।
पशु रोग नियंत्रण और डिजिटल पशुधन मिशन की समीक्षा
राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान उपायुक्त ने निर्देश दिया कि पशुओं को रोगमुक्त रखने के लिए टीकाकरण अभियान को तेजी से चलाया जाए। साथ ही, राष्ट्रीय डिजिटल पशुधन मिशन के तहत जिले के सभी पशुओं का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करने पर बल दिया। इससे पशुपालकों को सरकारी योजनाओं का लाभ शीघ्रता से मिल सकेगा।
मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना और जोड़ा बैल वितरण योजना की समीक्षा
मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 के कार्यों की समीक्षा की गई। इसके अलावा, जोड़ा बैल वितरण योजना 2023-24 और 2024-25 के लाभुकों को त्वरित लाभ पहुंचाने के निर्देश दिए गए। उपायुक्त ने कहा कि इन योजनाओं का उद्देश्य पशुपालकों की आय बढ़ाना और कृषि कार्यों में सहूलियत प्रदान करना है।
दुग्ध उत्पादन बढ़ाने पर विशेष जोर
उपायुक्त ने जिले में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कहा कि पशुपालकों को आधुनिक तकनीकों और उन्नत नस्लों के पशुओं से जोड़ने की दिशा में काम किया जाए। इससे दुग्ध उत्पादन में वृद्धि होगी और स्थानीय स्तर पर डेयरी उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
बैठक में कई अधिकारी रहे उपस्थित
इस समीक्षा बैठक में विशेष कार्य पदाधिकारी त्रिभुवन कुमार सिंह, जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. अनिल कुमार सिन्हा, हिरणपुर के पशु शल्य चिकित्सक डॉ. समरजीत मंडल, सभी प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी और जिले के सभी पशु चिकित्सक उपस्थित थे।
पशुपालन और गव्य विकास योजनाओं की इस समीक्षा बैठक में पशुपालकों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने, योजनाओं के सुचारू क्रियान्वयन और दुग्ध उत्पादन बढ़ाने को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। उपायुक्त ने सभी संबंधित अधिकारियों को इन योजनाओं में तेजी लाने और पारदर्शिता बनाए रखने के निर्देश दिए। इससे पशुपालन क्षेत्र में सुधार होगा और किसानों की आय में वृद्धि होगी।