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(जम्मू-कश्मीर के) उपराज्यपाल ने टाइम पत्रिका के बारे में जो कहा, उससे मैं उत्साहित हूं। मैं टाइम पत्रिका पर केंद्रित एक और प्रकरण पर गौर करूंगा। यह एक कवर स्टोरी थी।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कुछ ताकतों के सुनियोजित प्रयासों पर बृहस्पतिवार को चिंता जताई, जिनका मकसद देश को हानि पहुंचाने वाला झूठा विमर्श फैलाना है।
उपराष्टपति ने स्वीकार किया कि ऐसे लोगों की संख्या कम है। लेकिन उन्होंने सतर्क रहने की आवश्यकता पर जोर दिया।
धनखड़ ने उन लोगों को लेकर चिंता जताई जो कानून-प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा तलब किए जाने पर विरोध जताते हैं। उन्होंने जोर दिया कि किसी को भी कानून से छूट नहीं मिली हुई है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में स्पष्ट संदेश दिया गया है कि कानून सब पर लागू होता है, चाहे उनका दर्जा या पृष्ठभूमि कुछ भी हो।
धनखड़ यहां जम्मू विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, मैं आपको बता सकता हूं कि ये बदलाव (कानूनी मुद्दों को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन) पिछले कुछ वर्षों से हो रहे हैं। कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।
कानून के लंबे हाथ आप तक पहुंचेंगे। देश में कुछ लोगों का मानना है कि वह कानून से ऊपर हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर किसी व्यक्ति को किसी नियामक एजेंसी द्वारा तलब किया जाता है, तो आप सड़कों पर कैसे उतर सकते हैं…। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को कत्तई स्वीकार नहीं करने की नीति है और हर कोई कानून के प्रति जवाबदेह होगा।
धनखड़ ने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार में शामिल पक्षों के बचने के लिए रास्ता खोजने की खातिर सभी ताकतें एक साथ मिल जाएंगी। अच्छी बात यह है कि उनके भागने के सभी रास्ते बंद कर दिए गए हैं। भ्रष्टाचार को कत्तई स्वीकार नहीं करने की नीति है। संदेश स्पष्ट है। आप कोई भी हों… आप कानून के प्रति जवाबदेह हैं। तंत्र पारदर्शी और जवाबदेह एवं प्रभावी है।
‘‘चैटजीटीपी’’ को लेकर टाइम पत्रिका से जुड़े एक प्रकरण का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने जोर दिया कि यदि बहुमत चुप रहता है, तो उनकी आवाज हमेशा के लिए खामोश हो सकती है।
उन्होंने सभी नागरिकों से सक्रिय रूप से राष्ट्रवाद को अपनाने और ऐसे इरादों की गंभीरता को कम नहीं आंकने का आग्रह किया जो देश की विकास गाथा को कमजोर करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, यह विडंबना है कि इस देश के शत्रुओं द्वारा सुनियोजित तरीके से झूठा विमर्श फैलाया जाता है। हममें से कुछ लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं। उनकी संख्या कम है। (जम्मू-कश्मीर के) उपराज्यपाल ने टाइम पत्रिका के बारे में जो कहा, उससे मैं उत्साहित हूं। मैं टाइम पत्रिका पर केंद्रित एक और प्रकरण पर गौर करूंगा। यह एक कवर स्टोरी थी। यदि मूक बहुमत चुप रहने का फैसला करता है, तो इसे हमेशा के लिए चुप कराया जा सकता है।’’
धनखड़ ने देश की उल्लेखनीय उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए नागरिकों से इन पर गर्व करने का आह्वान किया।
विश्व के सबसे पुराने लोकतंत्र की जननी के रूप में देश के बढ़ते कद पर जोर देते हुए उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत की प्रगति को रोका नहीं जा सकता।
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