Tuesday, December 3, 2024
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भारत, अमेरिका को विविधता पर गर्व, दोनों की संस्थाएं लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित

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उन्होंने कहा कि ये कहानियां हमारे संबंधों को परिभाषित करती हैं और अमेरिका एवं भारत के बीच असीमित संभावनाएं है। उन्होंने कहा कि दो महान देश, दो महान मित्र और दो महान शक्ति 21वीं सदी की दिशा को परिभाषित कर सकते हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से आधिकारिक वार्ता से पहले व्हाइट हाउस में स्वागत समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दोनों देशों के समाज और संस्थाएं लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित हैं तथा दोनों (देशों) को अपनी विविधता पर गर्व है।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों का संविधान तीन शब्द ‘‘ वी द पीपल’ से प्रारंभ होता है जिसका उल्लेख राष्ट्रपति बाइडन ने किया है।
अमेरिका की पहली राजकीय यात्रा पर गए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देश वैश्विक अच्छाई, शांति, स्थिरता के लिए काम करेंगे और दोनों देशों के संबंध नई ऊंचाइयों को छुएंगे।
व्हाइट हाउस में शानदार स्वागत के लिए बाइडन और उनकी पत्नी जिल बाइडन का आभार जताते हुए मोदी ने कहा कि यह पहला मौका है कि जब व्हाइट हाउस के द्वार इतनी बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिकियों के लिए खोले गए।
उन्होंने कहा, ‘‘आज व्हाइट हाउस में शानदार स्वागत सम्मान एक प्रकार से 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। यह अमेरिका में रहने वाले करीब 40 लाख भारतीय मूल के लोगों का भी सम्मान है।

इसके लिए मैं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन का आभार प्रकट करता हूं।’’
मोदी ने कहा कि‘‘ हम दोनों देश अपनी विविधता पर गर्व करते हैं, हम दोनों ही सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय के मूल सिद्धांत में विश्वास करते हैं।’’
मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका के समाज और संस्थाएं लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित हैं और दोनों देशों का संविधान तीन शब्द ‘‘ वी द पीपल’ से प्रारंभ होता है जिसकी चर्चा राष्ट्रपति बाइडन ने की है।
उन्होंने कहा कि तीन दशक पहले वे एक आम व्यक्ति के रूप में अमेरिका आए थे और उस समय उन्होंने बाहर से व्हाइट हाउस को देखा था।
उन्होंने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री बनने के बाद मैं कई बार यहां आया, लेकिन आज पहली बार व्हाइट हाउस के दरवाजे इतनी बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिकी समुदाय के लोगों के लिए खुले हैं। मैं इसको लेकर काफी सम्मानित महसूस कर रहा हूं। ’’
मोदी ने कहा कि भारतीय समुदाय के लोग अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण के जरिये अमेरिका में भारत का गौरव बढ़ा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि दोनों देश वैश्विक अच्छाई, शांति, स्थिरता के लिए काम करेंगे और दोनों देशों के संबंध नई ऊंचाइयों को छुएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘ हमारी मजबूत सामरिक साझेदारी लोकतंत्र की ताकत का स्पष्ट प्रमाण है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोनाकाल के बाद दुनिया एक नया रूप ले रही है। इस काल में भारत और अमेरिका पूरे विश्व के सामर्थ्य को बढ़ाने में सक्षम होगी तथा दोनों देश साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ राष्ट्रपति बाइडन और मैं भारत अमेरिका संबंधों और अन्य क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विस्तार से बात करेंगे। मुझे विश्वास है कि आज की हमारी बातचीत हमेशा की तरह सकारात्मक और उपयोगी रहेगी।’’
मोदी ने कहा, ‘‘ मुझे यहां संसद में दूसरी बार बोलने का मौका मिलेगा इस सम्मान के लिए मैं बहुत आभारी हूं। भारत का तिरंगा और अमेरिका का झंडा (द स्टार्स एंड स्ट्राइप्स) हमेशा नई ऊंचाइयां छूते रहे।’’वहीं, राष्ट्रपति जो बाइडन ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध 21वीं सदी के सबसे महत्वपूर्ण संबंध हैं।

बाइडन ने कहा कि दोनों देश आज जो निर्णय लेंगे वे आने वाली पीढ़ियों का भविष्य निर्धारित करेंगे।
राष्ट्रपति बाइडन ने व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका स्वास्थ्य देखभाल, जलवायु परिवर्तन और यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से उपजे मुद्दों पर करीबी रूप से काम कर रहे हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ भारत के सहयोग से, हमने स्वतंत्र, खुले, सुरक्षित और समृद्ध हिंद-प्रशांत के लिए क्वाड को मजबूत किया है।’’
व्हाइट हाउस के प्रांगण में बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय के लोगों की मौजूदगी में बाइडन ने कहा, ‘‘ व्हाइट हाउस में फिर आपका स्वागत है प्रधानमंत्री मोदी। मैं एक राजकीय यात्रा पर आपकी यहां मेजबानी कर सम्मानित महसूस कर रहा हूं।’’
बाइडन ने कहा कि अमेरिका के कांग्रेस में काफी संख्या में भारतीय अमेरिकी सेवा दे रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ हम यह बात यहां व्हाइट हाउस में भी देख रहे हैं कि भारतीय मूल के गौरवशाली अमेरिकी हर दिन हमारे देश की सेवा कर रहे हैं जिसमें उपराष्ट्रपति कमला हैरिस भी शामिल हैं।’’
उन्होंने कहा कि ये कहानियां हमारे संबंधों को परिभाषित करती हैं और अमेरिका एवं भारत के बीच असीमित संभावनाएं है। उन्होंने कहा कि दो महान देश, दो महान मित्र और दो महान शक्ति 21वीं सदी की दिशा को परिभाषित कर सकते हैं।

Disclaimer:प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



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