पाकुड़
आगामी 14 दिसंबर 2024 को होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारी को लेकर 30 नवंबर 2024 को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, शेष नाथ सिंह के प्रकोष्ठ में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जिले के सभी अंचल अधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी, उत्पाद अधिकारी, जिला परिवहन अधिकारी, सर्टिफिकेट अधिकारी, खान अधिकारी, श्रम पदाधिकारी समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
विवादों के निष्पादन पर विस्तृत चर्चा
बैठक के दौरान म्यूटेशन केस (Prelitigation & Pending Cases), धारा 144, 145, 107, 133 Cr.P.C., और Excise Act, Forest Act, Mining Act, Labor Act, Certificate Case जैसे सुलहनीय वादों पर चर्चा की गई। सभी संबंधित अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया कि इन वादों का अधिकतम संख्या में निष्पादन सुनिश्चित किया जाए।
न्यायालय में बेंचों का गठन और उनके कार्यक्षेत्र
जिला व्यवहार न्यायालय, पाकुड़ में कुल नौ बेंचों का गठन किया गया है, जिनमें विभिन्न प्रकार के मामलों का निष्पादन किया जाएगा:
- बेंच नंबर-01
- कुटुंब न्यायालय से संबंधित वादों का निष्पादन।
- बेंच नंबर-02
- सिविल अपील, मिक्स्ड अपील, क्रिमिनल अपील, एमएसीसी, और बिजली से जुड़े मामलों का निष्पादन।
- बेंच नंबर-03, 04 और 05
- क्रिमिनल कंपाउंडेबल मजिस्ट्रियल केस, उत्पाद अधिनियम, श्रम अधिनियम, चाइल्ड लेबर एक्ट, मोटर व्हीकल एक्ट चालान, पुलिस एक्ट चालान जैसे मामलों का समाधान।
- बेंच 03 और 04 में सिविल मामलों का भी निष्पादन किया जाएगा।
- बेंच नंबर-06
- प्रीलिटिगेशन मामलों जैसे BSNL, बैंक केस, बिजली बिल, पानी के बिल, म्युनिसिपल कानून से जुड़े मामलों का निष्पादन।
- बेंच नंबर-07
- कार्यकारी पक्ष के कंपाउंडेबल लंबित मामले, जैसे 144, 145, 107, 133 Cr.P.C. और सर्टिफिकेट केस।
- बेंच नंबर-08
- उपभोक्ता विवाद मामलों का निष्पादन।
विभिन्न विभागों द्वारा समाधान के लिए प्रस्ताव
- उत्पाद विभाग ने बताया कि देशी शराब पर ₹100 प्रति लीटर और विदेशी शराब पर ₹200 प्रति लीटर जुर्माना जमा करने पर मामले सुलझाए जा सकते हैं।
- बिजली विभाग ने सुझाव दिया कि घरेलू उपभोग पर ₹4000 और व्यावसायिक उपभोग पर ₹10,000 जमा करने पर समझौता संभव है।
सुलह प्रक्रिया को बढ़ावा देने पर जोर
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने बैठक के दौरान सभी अधिकारियों को सुलह प्रक्रिया को प्राथमिकता देने और पक्षकारों को शीघ्र न्याय उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि लोक अदालत न केवल वादों के त्वरित समाधान का माध्यम है, बल्कि इससे समय और धन की भी बचत होती है।
अधिकारियों की उपस्थिति
बैठक में प्रभारी सचिव विशाल मांझी, प्रभारी न्यायाधीश विजय कुमार दास समेत जिले के सभी कार्यपालक पदाधिकारी उपस्थित रहे। यह बैठक राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन के लिए समर्पित प्रयासों का प्रतीक रही।
राष्ट्रीय लोक अदालत का यह आयोजन, विवादों के समाधान और न्याय प्रक्रिया को सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से सुलह और समझौते का वातावरण बनाकर न्यायपालिका और प्रशासन जनता की सेवा के प्रति प्रतिबद्धता प्रदर्शित कर रहे हैं।