पाकुड़
झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) रांची के निर्देशानुसार, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पाकुड़ के तत्वावधान में 30 नवंबर, शनिवार को मासिक लोक अदालत का सफल आयोजन व्यवहार न्यायालय, पाकुड़ में किया गया। इस आयोजन की अध्यक्षता प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार, शेष नाथ सिंह ने की।
आठ बेंचों का गठन और वादों का निष्पादन
लोक अदालत के दौरान कुल आठ बेंचों का गठन किया गया। इन बेंचों में सुलह-समझौता के आधार पर कुल 10 वादों का सफल निष्पादन किया गया। यह निष्पादन दोनों पक्षों के आपसी सहमति और कानूनी प्रक्रिया के तहत किया गया।
आर्थिक मामलों का समाधान
इस लोक अदालत के माध्यम से वादियों के बीच ₹7,03,800 की धनराशि का समझौता कराया गया। यह समझौता न्यायालय की देखरेख में किया गया, जिससे पक्षकारों को त्वरित और पारदर्शी न्याय प्राप्त हुआ।
उपस्थित न्यायिक पदाधिकारी
इस अवसर पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेष नाथ सिंह के साथ,
- अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम कुमार क्रांति प्रसाद,
- अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सह प्रभारी सचिव डालसा विशाल मांझी,
- अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सादिश उज्जवल बेक,
- प्रभारी न्यायाधीश विजय कुमार दास,
सहित अन्य न्यायिक पदाधिकारी और वादी-प्रतिवादी उपस्थित थे।
लोक अदालत का महत्व
लोक अदालतें न्यायिक प्रक्रिया में तेजी लाने का एक प्रभावी माध्यम हैं, जहां वादों का निपटारा सुलह-समझौते के आधार पर किया जाता है। इस प्रक्रिया से पक्षकारों को न केवल न्याय मिलता है, बल्कि समय और धन की भी बचत होती है।
न्यायपालिका का उद्देश्य
इस अवसर पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि लोक अदालतों के आयोजन का उद्देश्य त्वरित, सुलभ और सुलहकारी न्याय प्रदान करना है। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों और पक्षकारों को इस दिशा में सहयोग करने की अपील की।
मासिक लोक अदालत का यह आयोजन पक्षकारों के लिए समाधान का एक कारगर मंच साबित हुआ। इसके माध्यम से न केवल विवादों का निपटारा हुआ, बल्कि यह प्रक्रिया भविष्य में विवादों को सुलझाने की दिशा में एक मिसाल बनी।